*मामला गंभीर है मध्यप्रदेश के दमोह जिले के तारादेही क्षेत्र के डाकघर से जोड़ा है लेकिन यहां पर हकीकत कुछ और ही है
भोपाल/दमोह/तेन्दूखेड़ा- केंद्रीय सरकार द्वारा मजदूर वर्ग को लेकर एवं योजनाओं का लाभ देने के उद्देश्य से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंक पोस्ट मास्टर के पदों की भर्ती कर लोगों की उनकी मजदूरी का पैसा उनके खाते में डाल कर सीधे लाभान्वित करने के लिए एक केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा योजना चलाई गई थी जिससे गरीब मजदूरों के हक के पैसों पर भ्रष्टाचार की दीमक न लग सके एवं पंचायतों में सचिव सरपंच और रोजगार सहायक की भ्रष्टाचारी पर लगाम लगाई जा सके लेकिन जिनको यह जिम्मेदारी शासन द्वारा दी गई अब वो ही इस योजना में वन टू का फोर करते नजर आ रहे हैं और अधिकारी जानकर भी अनजान बने हुए हैं
*क्या है मामला पत्नी की जगह पति*
दमोह के तारादेही मे डाकघर में महिला ड्यूटी है लेकिन वे ड्यूटी पर तैनात नहीं रहती बल्कि उनकी जगह उनका पति सेवाएं दे रहा है जब भी कोई व्यक्ति डाकघर से जुड़ा काम लेकर जाता है तो वह कुर्सी पर पति को देखकर चौक जाता है लेकिन क्या करे काम है वो तो करवाना पड़ेगा ही दरअसल डाकघर में वित्तीय काम भी होते हैं ऐसे में रुपयों का जमा करना और निकालने जैसे कि लेनदेन के सभी काम भी किए जाते हैं लेकिन यह पर जो महिला पदस्थ है उनके सभी काम उनका पति करता है जबकि महिला डाकघर के कार्यालय में कभी होती ही नहीं है यह पूरा मामला मध्यप्रदेश के दमोह जिले के तारादेही क्षेत्र के डाकघर से जोड़ा हुआ है जहां पोस्ट आफिस में बैक पोस्ट मास्टर के पद पर पदस्थ गीता अहिरवार है लेकिन उनकी जगह पर उनके पति सेवाएं दे रहे इतना ही नहीं वो कई साल से निरंतर पोस्ट आफिस में बैठे रहे हैं और वित्तीय काम भी देख रहे हैं वहीं इस मामलों को लेकर तेन्दूखेड़ा से सागर टीवी से पत्रकार अर्पित बड़कुल ने इस स्थिति से सागर और दमोह में पदस्थ वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया था जिसके बाद दमोह से विभाग के अधिकारी आए थे और देखावे की खानापूर्ति कार्रवाई करके चले गए लेकिन खाताधारकों को डर है कि कहीं उनकी जिंदगी भर की कमाई इधर की उधर न हो जाए लेकिन सबसे बडी बात तो यह है कि जब पोस्ट मोस्टर के पद पर पदस्थ श्रीमती गीता अहिरवार है तो उनका पति मुकेश अहिरवार सेवाए क्यों दे रहा है और उनकी पत्नी क्यों नहीं आती है वहीं दूसरी ओर जिस दिन जांच करने के लिए टीम आए थी उस दिन पोस्ट मास्टर गीता अहिरवार वहीं पर थी लेकिन इतने सालों से कहा पर थी और उनकी जगह उनका पति मुकेश अहिरवार सेवाएं क्यो दे रहा था क्या विभाग के अधिकारी जानकर भी अनजान बने हैं और इस और ध्यान नहीं दे रहे हैं वहीं कुछ लोगों से जब इस मामलों को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों से संपर्क किया तो कुछ और ही सुनने में सामने आया है जिसका खुलासा जल्दी ही किया जाएगा क्योंकि तारादेही के डाकघर से संबंधित कुछ कारनामे पहले भी हो चुके हैं जिसमें खाताधारकों के खाते से पैसों को इधर उधर किया गया है लेकिन देखना है कि इस मामले में कितनी बात हकीकत है और कितनी बात झूठी अभी कुछ दिन पहले ही एक दैनिक अखबार द्वारा एक खबर भी प्रकाशित की गई थी जिसका जिक्र भी जल्दी किया जाएगा हमारे संवाददाता विशाल रजक ने कुछ पूराने मामलों की भी खोज निकाला है जिसका खुलासा भी किया जाएगा वहीं दूसरी ओर अभी लॉकडाउन के समय में शासन की मनसा थी कि ज्यादा से ज्यादा मजदूरों को मनरेगा योजना अंतर्गत ग्राम पंचायतों में काम मिले और उस काम का पैसा सीधे मजदूरों के खाते में डाला जाए जिससे वह अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकें लेकिन यहां तो कुछ और ही हकीकत बहुत जल्द मिलते हैं एक नए खुलासे के साथ
वहीं इस संबंध में जब जो जांच करने आए निर्दोष शर्मा से बात की गई तो उनका कहना था कि मेरा स्थानांतरण हो गया है इस संबंध में कुछ नहीं बता सकता हूँ आप विभागीय अधिकारियों से बात करे।
– विशाल रजक मध्यप्रदेश