नौरादेही में ही बसेगा पन्ना से आया टाइगर अभयारण्य में एक और बाघिन के पगमार्क मिले

*पन्ना टाइगर रिजर्व से जंगल के रास्ते आए बाघ को पहनाई जाएगी कॉलर आईडी नौरादेही में रखा जाएगा बाघ के साथ बाघिन होने का भी अनुमान सोमखेड़ा में बाघिन के पगमार्क भी मिले

मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा/ दमोह – पन्ना टाइगर रिजर्व से जंगल के रास्ते करीब दो माह पहले नौरादेही अभयारण्य पहुंचे बाघ -213 को नौरादेही अभयारण्य में ही रखा जाएगा।इस वापस पन्ना टाइगर रिजर्व नहीं भेजा जाएगा।इस पर वन अधिकारियों की सहमति बन गई है बाघ को कॉलर आईडी पहनाकर नौरादेही अभयारण्य में ही बसाया जाएगा।वन अधिकारियों ने बाघ के साथ एक बाघिन होने का अनुमान भी जताया है सोमखेड़ा रेंज में एक बाघिन की मौजूदगी के संकेत भी मिले हैं।इसके पगमार्क फॉरेस्ट गार्ड व रेंजर ने देखे हैं।अधिकारियों का मानना है कि बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व से अकेले नहीं आया है।वह अपनी जोड़ीदार पार्टनर बाघिन को साथ में लाया है जिसकी मौजूदगी नौरादेही अभयारण्य में है नौरादेही अभयारण्य की सोमखेड़ा रेंज पहले भी बाघों का विचरण क्षेत्र रहा है और इसी क्षेत्र में अब इन दोनों टाइगरों की मौजूदगी सबसे ज्यादा रही है।पन्ना के इन दो टाइगर के आने से नौरादेही में बाघों की संख्या बढ़कर चार हो गई है।
ट्रैंकुलाइज करने तैयार हो रहा प्रस्ताव:-
पन्ना से आए दो साल के बाघ पी -213 को ट्रैंकुलाइज कर कॉलर आईडी पहनाने व उसकी मॉनिटरिंग के लिए वन विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है।वन अधिकारियों ने बताया कि जल्द ही प्रस्ताव को वाइल्ड लाइफ विंग के पास भेज दिया जाएगा।वहां से स्वीकृति मिलते ही इसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण एनटीसीए की स्वीकृति मिलते ही बाघ को एक्सपर्ट व डॉक्टर की टीम की मौजूदगी में निश्रेत (ट्रैंकुलाइज)कर कॉलर आईडी पहनाई जाएगी। बाघिन की मौजूदगी के अभी सिर्फ पगमार्क दिखे हैं ।बाघिन को किसी भी ग्रामीण या वन अधिकारी ने नहीं देखा है।इस वजह से अभी तक बाघिन के संबंध में निर्णय नहीं लिया गया है।
टाइगर राघा – किशन दो माह से हैं एक साथ:-
नौरादेही अभयारण्य में अप्रैल में कान्हा टाइगर रिजर्व से शिफ्ट की गई बाघिन राघा और बांधवगढ़ नेशनल पार्क से शिफ्ट किया गया बाघ किशन दोनों एक साथ घूम रहे हैं।दोनों को कॉलर आईडी पहनाई जा चुकी है जिसकी मदद से वन अधिकारी लगातार उनकी मॉनीटरिंग कर रहे हैं।अधिकारियों ने बताया कि पिछले दो माह से बाघ-बाघिन साथ-साथ ही है।यह अभी तक अलग -अलग नहीं हुए हैं।इससे इनके बीच मैटिंग की संभावना भी जताई जा रही है।हालांकि इसकी अभी तक अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।नौरादेही में बाघों की संख्या चार होने की वजह से बाघ पुनस्थापना योजना को शुरुआती चरण में ही एक बड़ी कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है।
पन्ना से यात्रा हैं तीसरा बाघ:-
जंगल के रास्ते नौरादेही आया बाघ पन्ना टाइगर रिजर्व का ही है।इसकी पुष्टि पन्ना टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने कर दी है बाघ जब अपने आप ही नौरादेही आ गया है तो अब इसे यही बसाया जाएगा।बाघ के साथ एक बाघिन होने के प्रमाण भी हमें मिले हैं।सोमखेड़ा रेंज में बाघिन के पगमार्क देखे गए हैं।हालांकि जब तक बाघिन दिख नहीं जाती तब तक स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है।पन्ना से आए बाघ पी -213 की मॉनीटरिंग के लिए ट्रैंकुलाइज कर उसे कॉलर आईडी पहनाई जाएगी।इसके लिए जल्द प्रस्ताव को वाइल्ड लाइफ विंग को भेज दिया जाएगा।

(क्षितिज कुमार नौरादेही अभयारण्य प्रभारी डीएफओ)

– विशाल रजक ,मध्यप्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।