निजीकरण विरोधी आंदोलन बने जनांदोलन- अजय राय

कारपोरेट की गुलाम है योगी सरकार
मजदूर किसान मंच ने चन्दौली में बिजली कर्मियों के आंदोलन को दिया समर्थन
चन्दौली- , बिजली के निजीकरण के विरूद्ध कर्मचारियों के आंदोलन को किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और आम जनता के बीच ले जाना चाहिए क्योंकि यह प्रदेश व देश को बचाने का आंदोलन है। इस आंदोलन को कारपोरेट पूंजी की गुलाम बनी योगी सरकार की नीतियों का भण्ड़ाफोड़ करना चाहिए और एक बड़े जनांदोलन का केन्द्र बनना चाहिए तभी सरकार को निजीकरण के अपने जनविरोधी फैसले से कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर किया जा सकता है। यह बाते आज मुगलसराय में बिजली कर्मचारियों के आयोजित धरने को सम्बोधित करते हुए मजदूर किसान मंच के जिला प्रभारी अजय राय ने कहीं। आज निजीकरण के विरोध में बिजली अधिकारियों एंव कर्मचारियों के आंदोलन को मजदूर किसान मंच ने पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारियों के कार्यबहिष्कार आंदोलन का समर्थन किया और निजीकरण को प्रदेश की जनता के विरूद्ध बताया है।
मजदूर किसान मंच ने कहा कि योगी सरकार का एक साल नई मिसाल नहीं बल्कि जनता को बेहाल करने का साल है। जिन शहरों में मुख्यतः पावर कारपोरेशन को मुनाफा होता है उन्हें ही सरकार ने बेचने का फैसला किया है। यह जानते हुए कि सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में आगरा के निजीकरण के प्रयोग को विफल बताते हुए कहा था कि इससे सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व की हानि हुई है। बावजूद इसके सरकार निजीकरण पर अड़ी हुई है जो स्पष्टतः प्रदेश की बर्बादी का आगाज है। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के दमन की ओर बढ़ रही है जिसके परिणाम बेहद घातक होगें। इसलिए सरकार को दमन की जगह निजीकरण के जनविरोधी फैसले को वापस लेना चाहिए।

-सुनील विश्राम

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