नगर पालिका मुजफ्फरनगर में वाहन खरीद में हुई घपलेबाजी:भेंट चढ़े बलजीत सिंह, बड़े रसूखदार बच निकले

*नगर पालिका मुजफ्फरनगर में वाहन खरीद में की गई बड़ी घपलेबाजी,भेंट चढ़े सरदार बलजीत सिंह बड़े रसूखदार बच निकले-एडवोकेट संदीप दास ,प्रशासनिक निर्देशक ऑल इण्डिया काउंसलिंग ऑफ़ ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस।

मुजफ्फरनगर -जनपद मुज़फ्फरनगर में नगर पालिका द्वारा कूड़ा उठाने वाले वाहनों(टिपरों)में कितनी घपले बाजी की गई है इसकी शिकायत सहारनपुर कमिश्नर से लेकर जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव तक को करने वाले एडवोकेट संदीप दास ने इसका खुलासा किया है और बताया की आखिर जनपद में नगर पंचायतों, में ख़रीदे गए वाहनों और नगर पालिका परिषद में ख़रीदे गए वाहनों के रेट ,माल, आदि में कितना अंतर है, इसकी अगर सही तरीके से जाँच पड़ताल हो जाये तो पानी का पानी और दूध का दूध हो जायेगा लेकिन यहां तो उलटे जाँच के नाम पर स्वछ भारत मिशन से जुड़े सरदार बलजीत सिंह को ही बली का बकरा बना दिया गया है जबकि उक्त खेल के असली हीरो तो कोई और ही हैं।।

दरअसल मामला जनपद मुजफ्फरनगर की नगर पालिका परिषद् से जुड़ा हुआ जिसमे कमिश्नर सहारनपुर,मुख्यमन्त्री योगी आदित्य नाथ , एंव वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक यादव को शिकायती पत्र देने वाले नई मंडी निवासी एडवोकेट संदीप दास ने नगर पालिका परिषद् में कूड़ा उठाने वाले वाहनों(टिपरों)की खरीद फरोख्त में बड़े खेल होने की शिकायत की है ।

उन्होंने आरोप लगाते हुए बताया की पालिकाध्यक्ष, ,स्वास्थ्य अधिकारी,अध्यक्ष स्टेनो गोपाल त्यागी, पालिकाध्यक्ष पुत्र ,एँव एक प्रभाव शाली ठेकेदार लवी त्यागी ने एक सोची समझी साज़िश के तहत लगभग 70-80 लाख रुपए का पालिका में वाहनों की खरीद में गबन किया है।

उन्होंने बताया की इन सभी ने शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों में बदलाव करके गबन किया गया है जबकि जैम पोर्टल के टेंडर में MSE श्रेणी की कंपनियों को प्राथमिकता देनी थी।

किन्तु 10 कंपनियों में से जो नौ कंपनियां MSE श्रेणी की थी उनको बिना कारण के डिस-क्वालीफाई कर दिया गया और उक्त ठेकेदार लवि त्यागी की कंपनी गोल्डन टेंगल सर्विसेज को टेंडर दे दिया जबकि सचिव राज्य मिशन निदेशक द्वारा स्पष्ट कहा गया था की डिस-क्वालीफाई करते समय उसका स्पष्ट एवं औचित्यपूर्ण कारण देना होगा।

बता दें नगर पंचायत पुरकाजी द्वारा उक्त वाहन 485000/रुपए व नगर पंचायत बुढ़ाना द्वारा ₹450000/रुपए का खरीदा गया ।

जबकि यही वाहन नगर पालिका मुजफ्फरनगर द्वारा ₹685000/रुपए में लिया गया वाहन की चैसिस पर जो बंद बाक्स लगाना था वह भी कंपनी द्वारा ही लगाया होना चाहिए था किंतु नगरपालिका मुजफ्फरनगर द्वारा वह भी लोकल लगाया गया जो कि राज्य मिशन निदेशालय के दिशा-निर्देशों से हटकर किया गया व अनुमन्य नहीं होगा तथा इसे वित्तीय अनियमितता कहा गया था।

जिसके लिए संबंधित नगर आयुक्त/ अधिशासी अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी हैं संदीप दास प्रशासनिक निर्देशक ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ हयुमन राईट एंड सोशल जस्टिस द्वारा इस सम्बन्ध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर अभिषेक यादव को एक शिकायती पत्र दिनांक 23/06/ 2020 को दिया गया व दिनांक 27/06/2020 में कमिश्नर सहारनपुर मंडल को भी दिया गया है।

जिसमें समस्त साक्ष्य भी आवेदन पत्र के साथ में संलग्न किए गए जिसकी जांच करने के लिए श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा थाना कोतवाली को आदेशित किया गया है एडवोकेट संदीप दास का कहना है की यदि इस मामले में सही तरीके से जाँच पड़ताल हो जाये तो इस घपले बाजी में बड़े बड़े भी फंस सकते है और दूध का दूध तथा पानी का पानी हो जायेगा उन्होंने बताया की इसकी शिकायत उन्होंने सबसे पहले स्वछ भारत मिशन से जुड़े सरदार बलजीत सिंह को की थी लेकिन उन्हें भी इसी मामले में बली का बकरा बना दिया गया जबकि असली गुन्हेगार खुले घूम रहे है।।

रिपोर्ट भगत सिंह

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