नगर पंचायत द्वारा संचालित अस्थाई गोवंस आश्रय स्थल सदरपुर बरौली की दुर्दशा बन रही है चर्चा का विषय

आजमगढ़- सूबे की योगी सरकार बे सहारा पशुओं के आश्रय के लिये प्रदेश के हर जिले तहसील नगर व गांव स्तर पर गो सेवा केन्द्र चलाने की मुहिम जहां बड़ी जोर शोर से शुरू की वहीं पानी की तरह सरकारी खजाने बहाने के बावजूद धरातल पर कुछ भी नजर नही आ रहा है।अगर कहीं कुछ नजर आ भी रहा है तो वह भी मंशानुसार सुविधाविहीन।कुछ यैसा ही हाल बयां कर रहा नगर पंचायत द्वारा संचालित अस्थाई गोवंस आश्रय स्थल सदरपुर बरौली जो अत्यंत दुर्व्यवस्थायों का दंश झेल रहा है।चारा के रुप मे पशुओं को मात्र भूसा ही परोसा जाता है घट जाने पर पुआल,चूनी चोकर का तो अता पता ही नही चलता। इतना ही नही इस तपतपाती धूप मे पशुओं को खुले आसमान के नीचे रहने को विवश किया जा रहा है। साथ ही पशु विभाग द्वारा कोई सहयोग न किये जाने से परेशानिया और बढ गयी है। एक के बाद एक मवेशियों की मौत होती जा रही है। अब तक दो दर्जन की की मौत हो चुकी है और आश्रय स्थल से जुड़े फूलपुर के जिम्मेदार है की जान कर अनजान बने है।ज्ञात हो की सदरपुर बरौली ग्राम सभा मे 2005 मे सरस हाट मार्केट का निर्माण हुआ था,जो मात्र शो पीस बना था।30 दिसंबर 2018 को शासना देश के अनुसार पूर्व मे तैनात एसडीएम ललित कुमार ने इसे अस्थाई गोवंश स्थल संचालित करने के लिये अधिग्रहीत कर ली।3 जनवरी 2019 को गोवंशो की आमद शुरू हो गया।उस समय यहां कुल 63 गोवंश थे जिसमे 5 गाय और 58 बछड़े थे उसके बाद यह संख्या बढ़कर 90 पार हुई और अब 74 बचे है इस समय और भी संख्या कम हो गयी है कितने गोवंश बचे है कोई कुछ बताने को तैयार नही है।पशुओं की देख रेख मे लगे बाबूलाल ,राम अजोर राजभर, रोशन, राजेन्द्र राम ,अजोर बिन्द की माने तो जब से आश्रय स्थल चालू हुआ तब से लेकर अब तक हम लोगो को एक फूटी कौड़ी तक नसीब नही हुई वे उधार लेकर अपनी घर गृहस्थी किसी तरह चला रहे।

रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़

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