दिनेश एम एन के मार्गदर्शन में अपराधियों के खिलाफ कार्यवाहियां जारी रहेगी : दिगन्त आन्नद

बाड़मेर/राजस्थान- पूरे देश में बदनाम पुलिस की छवि सुधारने के लिए राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में पुलिस अधिकारियों को अपनी वर्षों पुरानी आदतों को छोड़कर जनता जनार्दन के साथ अपनी छवि सुधारने के लिए सख्त रवैया अपनाया गया है। पुलिस की एक पुरानी कहावत मशहूर थी अपराधियों में भय और आमजन में सुरक्षा लेकिन राज्य में एक दम उल्टा चल रहा था, लोग कहते थे कि अपराधियों को सुरक्षित और आमजनता में भय । गांव, गली, नुक्कड़, चौराहे, ब्लाक, जिला मुख्यालय पर सभी तरीके के वैध अवैध धन्धे बगैर पुलिस की मिली भगत के नहीं चलता था । कइ बार हिन्दी फ़िल्मों की तरह अपराधियों को अपराध करने के बाद पुलिस की सुपूर्द करने के बाद भी पुलिस अपराधियों को छोड़कर चलते बनतीं थी । सोचने वाली बात यह है कि अगर कहीं पर पुराने समय में नाकाबंदी होती थी और पुलिस अधीक्षक के निर्देशों पर ही होती है संभवतः पुलिस की नाकाबंदी में आठ दस पुलिस वालों की मोजूदगी के बावजूद अवैध माल ओर वाहनों को पकड़ने के बाद भी अपराध करने वाले भाग जाते थे, पुलिस इसलिए तो बदनाम हो रही थी जनता जनार्दन में ।

राजस्थान में इन दिनों पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन चला रखा है और मार्च महिने में जगह जगह पर हजारों पुलिस जवानों को एक साथ फील्ड में उतारा गया l यह पूरा ऑपरेशन एडीजी क्राइम दिनेश एमएन की देखरेख में चल रहा है. दिनेश एमएन इससे पहले जब एसीबी में थे. तो भ्रष्टाचारियों के लिए काल बन गए थे। राजस्थान के हर हिस्से में आए दिन रिश्वतखोरों पर नकेल कसी जा रही थी. कलेक्टर से लेकर एसपी जैसे बड़े अधिकारियों पर भी मौका मिलते ही सीधे हाथ डाला था l दिनेश एमएन आज के समय में राजस्थान में युवाओं के रोल मॉडल बन गए है, पुलिस सिंघम की छवि बन गई है। हालांकि वो मीडिया बयानबाजी से ज्यादातर दूरी बनाए रखते है लेकिन पिछले एक दशक से राजस्थान में कई बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया है। आनंदपाल एनकाउंटर के समय एसओजी टीम ने दिनेश एमएन के नेतृत्व में ही पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया था। कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद उदयपुर में हालात बिगड़े तो उसे संभालने के लिए भी राजस्थान सरकार ने इनको ही वहां भेजा था l

राजस्थान पुलिस मुख्यालय के अनुसार राज्य में अपराधियों का सफाया करने के लिए अब स्टिंग ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं। ख़ास बात ये है कि ये स्टिंग ऑपरेशन कोई बाहरी एजेंसी नहीं बल्कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान पुलिस ही चलवा रही है। पुलिस बेडे़ में बदलाव होने के साथ ही दबग अधिकारियों के आने के बाद से इस तरह के स्टिंग ऑपरेशन की शुरुआत हुई है। अब तक लगभग सभी जिलों में अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए डिकॉय ऑपरेशन हो चुके हैं जिसमें पुलिस की शानदार कार्यशैली पर लोगों में खुशियों का माहौल बना हुआ है । बाड़मेर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर शुरू हुई इस तरह की औचक कार्यवाही से अपराधियों के साथ साथ बाड़मेर जिले के पुलिस महकमें में भी हड़कंप मचा हुआ है कारण पुलिस अधीक्षक कभी भी कहीं पर कार्रवाई करने आ सकतें है। मौजूदा पुलिस व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण करते है और साथ ही पुलिस के जवानों का हौसला अफ़ज़ाई कर उन्हें ड्यूटी के दौरान मुस्तैद रहना चाहिए ताकि कोई भी अपराधी अपराध करने से पहले उसके जेहन में राजस्थान पुलिस का खौफ होना चाहिए अन्यथा अपराध का ग्राफ बढते देर नही लगती है और आमजन की सुरक्षा और अपराधियों में भय व्याप्त पुलिसकर्मी का मुख्य उद्देश्य होना चाहिए l

आन्नद ने बताया कि बाड़मेर जिले के समस्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृताधिकारी एवं थानाधिकारीगण की अपराध गोष्ठियों के दौरान बाड़मेर जिले में मौजूदा अपराध एवं कानून व्यवस्था की स्थिती पर विस्तृत से विचार-विमर्श कर आवश्यक निर्देश दिए गए थे। अपराध गोष्ठी में अनट्रेस रहे प्रकरणों में अपराधियों की दस्तयाबी करने, एनडीपीएस एक्ट, बजरी खनन माफियाओं के लम्बित प्रकरण व एक वर्ष से अधिक अवधि के पैण्डिंग प्रकरणों, महिला अत्याचार, एससी- एसटी अत्याचार के पैण्डिंग प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने, अवैध बजरी खनन माफियाओं, अवैध मादक पदार्थ, अवैध शराब एवं अवैध हथियार तस्करों के विरूद्व कड़ी कानूनी कार्यवाही करनें के साथ चिन्हित व इनामी बदमाशों की दस्तयाबी करने, अपराधियों की दस्तयाबी हेतु नाकाबन्दी करने, अपराधियों के विरूद्व निरोधात्मक कार्यवाही करने, आदतन अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलने, पुलिस प्राथमिकताएं 2023 के प्रत्येक बिन्दुओं पर हर माह कार्यवाही कर प्रगति लाने, आगामी त्यौहारों और मेलों में पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर कड़ी निगरानी रखते हुए कानून व्यवस्थाओं को बनाये रखने, तथा थाना क्षैत्र में थानाधिकारी मय जाब्ता के पैदल गस्त करने के निर्देश दिये गये हैं और भी जरूरत होने पर स्पेशल टीमों को गठित कर अपराधियों की धरपकड़ करने के लिए पुलिस जाब्ता लगाते रहते हैं और इसका परिणाम बाड़मेर जिले में नियुक्त होने के साथ ही आपके सामने आ गया है।

जानकारों ने बताया कि बाड़मेर जिले से निकलने वाली सभी मेगा हाईवे ओर अन्य सड़कों पर मौजूद पुलिस चौकियों ओर थानों के आगे सी सी टी वी कैमरों से लैस होना चाहिए लेकिन हमारी पुलिस तंत्र आजकल शहरी आबादी के आसपास की दुकानें और ज्यादातर टोल नाकों पर लगें हुए सी सी टी वी कैमरों पर अधिकतर आश्रित रहतीं है, लेकिन अपराध करके अपराधी भी टोल नाकों के आस-पास के मुरडिया कच्चे रास्तों पर बैखोफ होकर सुरक्षित निकल जाता है। जिले में मौजूदा रिफाइनरी प्रोजेक्ट को देखते हुए सेकंडों औधोगिक कम्पनियों, भामाशाहों ओर ठेकेदारों से हमेशा हमारी पुलिस अपने कर्मचारियों के लिए कोराना भड़भड़ी के दौरान सुविधाएं मुहैया करवा रही थी, तो फिर जनता जनार्दन की सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए सभी सड़कों पर पच्चीस तीस किलोमीटर की दूरी पर आधुनिक सुविधाओं से लैस सी सी टी वी कैमरों की सरहदी जिले में बहुत ज्यादा जरूरत है ताकि आमजन ज्यादा सुरक्षित रहे। अग्रेजो के समय की पुलिस तंत्र की बात करते हैं तो फिर मौजूदा आमजन को सुरक्षा प्रदान करने वाली पुलिस तंत्र आजकल इतना सुस्त और उनका मुखबिरी तंत्र इतना कमजोर क्यों है। युवा पुलिस अधीक्षक दिगंत आन्नद पिछले पुलिस अधीक्षकों के कार्यकाल के अनुरूप ही स्वविवेक से बाड़मेर जिले की पुलिस तंत्र को मजबूत कर रहे हैं लेकिन इसके लिए मजबूत पुलिस तंत्र में चाक चौबंद किले की नाकाबंदी मजबूत करने के साथ ही बाड़मेर जिले में आम आदमी की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता होगी।

– राजस्थान से राजूचारण

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