दरगाह उर्स मे बोले मुफ्ती सलीम बरेलवी, मसलक की दुनिया भर मे पहचान कराने वाली शख्सियत का नाम रेहान ए मिल्लत

बरेली। मरकज ए अहले सुन्नत बरेली शरीफ मे आला हजरत फाजिले बरेलवी के पोते मुफ़्ती रेहान रजा खान रहमतुल्लाह अलैह (रहमानी मिया) का 39वां एक दिवसीय उर्स दरगाह आला हजरत पर मनाया जा रहा है। जिसमें शाम को सामूहिक रोजा इफ़्तार हुआ। जिसमे दूर दराज से पहुंचे जायरीनों ने शिरकत की। रमजान माह में रोज़े से पहले सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां ने मुल्क-ओ-मिल्लत की खुशहाली की खससी दुआ की। उर्स के सभी कार्यक्रम दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां की सदारत व सय्यद आसिफ मियां की देखरेख मे सम्पन्न हुए। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि उर्स की शुरआत बाद नमाज-ए-फज कुरानख्वानी से हुई। महफिल का आगाज मुफ्ती मोइनुद्दीन ने तिलावत एकुरान से किया। नातख़्वा हाजी गुलाम सुब्हानी ने हम्द, नात व मनकबत का नजराना पेश किया। इसके बाद दरगाह सरपरस्त हजरत सुब्हानी मियां की सरपरस्ती मे उलेमा की तकरीर हुई। मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने कहा कि सुन्नियत व मसलक ए आला हजरत की दुनिया भर मे पहचान कराने वाली शख्सियत का नाम रेहान ए मिल्लत है। उस दौर मे मुसलमानो को जब मजहबी, रूहानी, खानकाही, सियासी जरूरत पेश आई ने उनकी कयादत फरमाई। आज के दौर मे भी मुसलमानो को रेहान ए मिल्लत जैसे कायद की जरूरत है। मुल्क में आपसी सौहार्द को बढ़ावा देने, नफरत, भेदभाव व अल्पसंख्यको के अधिकारों के लिए अपनी आवाज हमेशा बुलंद की। इस मौके पर मुफ्ती सय्यद शाकिर अली, मास्टर कमाल, राशिद अली खान, हाजी जावेद खान, नासिर कुरैशी, परवेज नूरी, शाहिद नूरी, अजमल नूरी, परवेज नूरी, ताहिर अल्वी, औररंगजेब नूरी, मंजूर रजा, हाजी अब्बास नूरी, मौलाना अबरार उल हक, शान रजा, तारिक सईद, अनवार उल सादात, कासिम कश्मीरी, मुजाहिद रजा, शारिक बरकाती, अरबाज खान, सुहेल रजा, जोहिब रजा, अब्दुल माजिद, इशरत नूरी, मोहसिन रजा, गौहर खान, गयाज रजा, जुनैद मिर्जा, सय्यद माजिद, साकिब रजा और अन्य रहे।।

बरेली से कपिल यादव

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