झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर आई रौनक साथ ही खुल रही है विकास की पोल

आजमगढ़- लम्बे इंतजार के बाद सावन में पूरे जोर से आए मानसून ने जहां सड़कों पर पूरी तरह कीचड़ जलजमाव का साम्राज्य बिखेर दिया। वहीं झमाझम बारिश से किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक तरफ उनकी सूख रही नर्सरी खेतों में रोपित हो जाने की स्थिति में आ चुकी है तो वहीं दूसरी ओर बिना पानी चलाए इनसे खेतों में अब इतना पानी हो चुका है कि इनकी खेती किसानी आसानी पूर्वक हो सके। किसानों की प्रसन्नता देखे बन रही है। प्रसन्नता हो भी क्यों न। क्योंकि इसी के सहारे उन्हें अपनी बेटियों के हाथ पीले करने हैं तो अपने नौनिहालों की फीस के इंतजाम भी इसी से करने हैं। रिश्तेदारी में पड़े न्योतों को इसे से ही निपटाना है। तो इसी के सहारे उन्हें अपने वर्ष भर के खाने जितने चावल की भी व्यवस्था करनी है। कुल मिलाकर झमाझम हो रही बारिश से किसानों को पूरी तरह संतुष्टि प्रदान कर दी है। मानसून की वर्षा अभी और टिकने से इनके धान को अति लाभ मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है। ऐसे में दिन भर की बारिश से दुकानदारों की स्थिति भले ही दयनीय हो गई हो किंतु ऋतु की इस वर्षा से मौसम ठण्ड से सभी राहत महसूस कर रहे हैं । वही नगर पालिका व नगर पचांयतों की विकास गाथा की पोल भी खुल गयी है। जगह जगह जल जमाव हो गया है। सरायमीर में मार्गों के अलावा लखनऊ-बलिया मार्ग पर कई फुट पानी लग गया जो नाले का रुप ले लिया है। यहाँ तक की थाने मे पम्पिंग सेट लगा कर जमा पानी निकाला जा रहा है। वही लोग सडक पर लगे पानी को लेकर नगर पंचायत कोसते नजर आ रहे थे। लालगंज में देवगांव बाजार के मेहनाजपुर मार्ग पर सड़कों पर पानी रूकने के बाद इसके किनारे जेसीबी द्वारा सड़क के किनारे कहीं एक फिट तो कहीं दो से तीन फिट गहराई की कच्ची नाली खोद दिये जाने से लोगों का जीवन नारकीय हो गया है। रविवार को बारिश के बाद जहां सड़कों पर पानी लग गया वहीं इसके किनारे खोदे गये गड्ढे में पानी भर जाने के कारण लोग इन गढ्ढों में गिरने से घायल हो जा रहे हैं। स्थानीय लोगों ने गड्ढा खोदने पर आपत्ति जताई थी लेकिन संबंधित अफसरों ने इसका ध्यान नहीं दिया और यह मिट्टी खोदकर अन्यत्र उठा लेगये। अब एक ओर जहां सड़कों पर चलना पूरी तरह से मुश्किल हो गया है वहीं दुकानों के सामने पानी भर जाने के कारण दुकानदारों के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं। दुकानों पर चढने के दौरान ग्राहकों के लिए कोई रास्ता नहीं बचा है। उल्लेखनीय है कि इस बाजार में जल निकासी के बिना इस मामले का समाधान संभव नहीं है। लेकिन सीवर बनाने के लिए अब मौसम के बदलाव की प्रतीक्षा करनी होगी। इस बरसात के मौसम में यह कार्य संभव नहीं है।

रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़

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