कुशीनगर- एक ओर जहाँ देश की जनता दिन प्रतिदिन बढ़ती बेरोजगारी और महंगाई की मार से त्रस्त है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के किसान छुट्टा पशुओं की वजह से दोहरा नुकसान झेलने को मजबूर हैं।
योगी सरकार ने अवैध बूचड़खाने तो बंद कर दिए परन्तु अनुपयोगी गोवंशीय पशुओं की समुचित व्यवस्था न होने से किसानों मे रोष व्याप्त है।कहने को तो छुट्टा पशुओं के लिए जगह जगह व्यवस्था की गई है किंतु यह व्यवस्था या तो कागजों में है या व्यवस्था को संचालित करने वाले लोग इसे गंभीरता से नही ले रहे हैं।कमी चाहे जिस स्तर की हो पर इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है।महिनों मेहनत करने के बाद उगने वाली फसल छुट्टा पशुओं का चारा बन रही है।ऐसे में किसानों के सामने दोहरी समस्या उत्पन्न हो गई है एक तो खाद बीज की बढ़ती कीमत के साथ साथ लागत मूल्य के अनुरूप कीमत न मिलना और दूसरी छुट्टा पशुओं से फसल को बचाना।
वर्तमान समय में खेतों में रबी की फसलें गेहूँ, सरसों, मटर, आलू आदि लगाए किसान छुट्टा पशुओं के आतंक से परेशान हैं आलम यह है कि अपनी महिनों की मेहनत को अपने आँखों के सामने बर्बाद होने से बचाने के लिए रातों में भी जागना पड़ रहा है।दिन हो या रात किसान हर समय अपनी फसल को लेकर चिंतित हैं।इस संदर्भ में ग्रामसभा सोन्दिया बुजुर्ग के विष्णुपति पाण्डेय,विनोद शर्मा, इन्द्राशन गुप्ता, मदारन अंसारी, विगु शर्मा, मोतीचंद, मुन्नी, जहूर, नियामत, गरजू, रऊफ आदि ने बताया कि छुट्टा पशुओं से हमारी फसलों को बहुत नुकसान हो रहा है।सरकार को इस पर बहुत गम्भीरता से सोचना चाहिए और ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि हमारी मेहनत बर्बाद न हो।
– जटाशंकर प्रजापति,कुशीनगर