छत से टपकता पानी, जर्जर हो रहा ब्रिटिश काल में बना जीआरपी थाना

बरेली। ब्रिटिश काल में बने जीआरपी थाने की मरम्मत पर ध्यान न दिये जाने की वजह से पिछले दिनों हुई बारिश से आधे से ज्यादा रिकॉर्ड खराब हो गया। इसके अलावा माल थाने में रखी सिपाहियों की बंदूकें पानी से भीगकर लगभग बेकार हो चुकी हैं। ई-मालखानों के दौर में जीआरपी थाना अभी काफी पिछड़ा है। थाने का मालखाना आज भी ब्रिटिश शासन काल के बने भवन में चल रहा है। वर्षों पुराने भवन के छत की चादर पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बारिश का पानी टपकने से वहां रखे मुकदमों का माल कब खराब हो जाए कोई भरोसा नहीं है। माल के हिफाजत के लिए पन्नी का सहारा लेना पड़ता है। रेलवे स्टेशन बरेली जंक्शन में जीआरपी थाना आजादी के पहले से संचालित हो रहा है। थाने का मालखान भी अपनी 100 वर्ष से ज्यादा की आयु पूरी कर चुका है। अंग्रेजों के समय में निर्मित थाने के मालखाने की पुरानी दीवारें देखने में भारी-भरकम लगती हैं। लेकिन लंबा समय अंतराल बीतने से मालखाना अब जर्जर हो गया है। खास बात यह है कि समय रहते मरम्मत का अनुरोध पत्र भेजे जाने के बाद भी इस थाने की मरम्मत के लिए धन स्वीकृत नहीं किया गया है। जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर जीआरपी थाने का निर्माण ब्रिटिश शासन काल के दौरान कराया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य रेलवे अधिनियम के अलावा आईपीसी के तहत कार्यवाही करना है। पिछले 1 साल से थाने की छत जर्जर अवस्था में पहुंच गई है। जिसकी वजह से बारिश के दौरान थाने की छत से पानी टपकने से कार्यालय में रखी सारी फाइलें अपना अस्तित्व खो चुकी है। वहीं थाने के माल खाने में रखी बंदूकों में भी जंग आ गई है। थाने की मरम्मत कराने को लेकर जीआरपी इंस्पेक्टर किशन अवतार ने एसपी रेलवे मुरादाबाद को एक माह पहले पत्र भेज दिया है लेकिन विभाग द्वारा अभी तक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। बारिश के दौरान थाने में बारिश का गंदा पानी भर जाता है। जिसे निकलवाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है।।

बरेली से कपिल यादव

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