चेन्नई की संस्था ने सरकारी विद्यालयों में आधुनिक तरीके से बच्चों को शिक्षा देने का शुरू किया प्रयास

चन्दौली- खबर चंदौली जनपद से है जहां देश के 115 और यूपी के 8 अति पिछड़े जनपदों में शामिल चंदौली जनपद में अब सरकारी विद्यालयों में नए तकनीक और आधुनिक तरीके का इस्तेमाल कर बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास शुरू किया गया है | इसके तहत एक संस्था की मदद से जिले के 100 पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापकों को टेबलेट दिया गया है | इस टेबलेट के माध्यम से कक्षा 6,7,8 के बच्चों को अब आधुनिक तरीके से शिक्षा दिया जाएगा | साथ ही प्रश्नोत्तरी और जनरल नॉलेज के हिसाब से तैयार सॉफ्टवेयर से बच्चों को और लाभप्रद जानकारी भी मिलेगी यही नहीं संस्था द्वारा प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है और भविष्य में उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद का सिलेबस भी इस टेबलेट पर उपलब्ध हो जाएगा | दरअसल चेन्नई की संस्था हैसल फ्रे फाउंडेशन ने यूपी के 8 अति पिछड़े जनपदों को चुना है | जहां पर टेबलेट के माध्यम से शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का एक नया प्रयोग शुरू किया गया है | जिसके तहत बेसिक शिक्षा अधिकारी भोलेन्द्र प्रताप सिंह के प्रयास से चेन्नई की संस्था ने जिले के 100 पूर्व माध्यमिक विद्यालयों को चुना है | इसके तहत कृषि विज्ञान केंद्र में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसमें चुने गए सभी पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मौजूद रहे | इस दौरान जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने संस्था द्वारा दिया गया टैबलेट इन प्रधानाध्यापको को वितरित किया |जिलाधिकारी ने शिक्षकों से कहा कि महत्वाकांक्षी जनपद घोषित होने पर शिक्षा क्षेत्र में हाइटेक,डिजीटल कार्य करने की जरूरत है। अपने विद्यालयों के बच्चों को इस टैबलेट के माध्यम से शिक्षा प्रदान कराना सुनिश्चित करें। उन्हें भी इसे प्रयोग कराना सिखाएं। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद के 100 परिषदीय विद्यालयों में अध्यनरत बच्चों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से पहले चरण में हर ब्लाक के चुनिंदा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टैबलेट का वितरण किया गया। नीति आयोग के साथ कार्य कर रही संस्था हैसल फ्रे द्वारा प्रदत्त टैबलेट शिक्षकों में वितरित किया गया। भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक मंत्रालय द्वारा चलायी जा रही नेशनल मिशन फाॅर इण्टर डिसिपलिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम कार्यक्रम के तहत जनपद के कक्षा 6 से 8 तक के अध्यनरत छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोबेाटिक लर्निंग सिस्टम के माध्यम से बच्चों की समझ नींव का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इस कार्यक्रम के तहत जनपद के 100 उच्च विद्यालयों के 100 शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। विद्यालयों में टैबलेट के माध्यम से बच्चों द्वारा किये जा रहे अध्ययन का रिपोर्टिग प्रारूप प्रशिक्षण के समय संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा।शिक्षकों का मानना है कि उनको काफी जानकारी मिलेगी और वह बच्चों को तकनीकी और विज्ञान से जानकारियां दे पाएंगे और बच्चों की शिक्षा में सुधार भी हो पाएगा |

रंधा सिंह चन्दौली

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