खुलासा: दरोगा प्रकरण की सत्यता पर लग गया प्रश्न चिन्ह

उत्तराखंड/पौड़ी गढ़वाल- विगत 18 अप्रैल को थाना सहसपुर में सूरत सिंह चौहान पुत्र स्वर्गीय तेज सिंह निवासी ग्राम भाेजा वाला तहसील विकासनगर जिला देहरादून उत्तराखंड किसी मामले में थाना सहसपुर गए। वहां पर उपस्थित दीपक नाम के दरोगा से जानकारी लेने पर दरोगा दीपक धारीवाल व अन्य तीन सिपाहियाें ने सूरत सिंह चौहान के साथ अभद्र व्यवहार मारपीट व जान से मारने की धमकी दी। सूरत सिंह चौहान एक सामाजिक व्यक्ति हैं वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य हैं भाजपा के जिला उपाध्यक्ष और जो भी जनप्रतिनिधि होने के नाते में जानकारी लेने गए थे उक्त दरोगा के गलत व्यवहार करने पर भाजपा के दो विधायक भी मौके पर पहुचे।जिस पर कार्यवाही होने पर पुलिस विभाग के उच्च अधिकारी द्वारा उक्त दरोगा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था इसमें कुछ लोग व चैनल सूरत सिंह चौहान की छवि खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर सूरत सिंह चौहान के खिलाफ भ्रामिक प्रचार कर रहे हैं।इस बात का खुलासा पत्रकार वार्ता के दौरान सूरत सिंह चौहान ने किया। इस प्रकरण को अंतिम विकल्प न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार ने भी उठाया था। पत्रकार वार्ता के बाद अंतिम विकल्प न्यूज पोर्टल के पत्रकार ने दराेगा दीपक धारीवाल से बात की उन्होंने कहा कि वे इस केस के संबंध में कुछ नहीं कहना चाहते हैं सूरत सिंह चाैहान का कहना है कि उनके जिला पंचायत क्षेत्र का यदि काेई भी आदमी किसी तरह परेशान हैं या किसी वजह से थाने में पहुँच जाता है ताे जिला पंचायत सदस्य हाेने के नाते थाने में जानकारी लेना उनका अधिकार है।यही वजह रही कि विधायकों ने भी घटना का संज्ञान लिया। वे किसी काे बचाने नही गये थे अपितु एक जानकारी लेने थाने पहुँचे थे ।इस जानकारी के वाद जो प्रकरण दर्शाया गया था उस पर अंतिम विकल्प न्यूज ने 19 अप्रैल को न्यूज दी थी लेकिन प्रकरण की सच्चाई कुछ और ही निकली। इस पत्रकार वार्ता में सूरत सिंह चौहान, वीरेंद्र सिंह पूर्व जिला पंचायत सदस्य, सुमन चौधरी जिला महामंत्री भाजपा ,राजेश डबराल एडवोकेट ,नरेश चौहान एडवोकेट, सीताराम योगी एडवोकेट ,देवेंद्र सिंह नेगी मौजूद थे।

-पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल की रिपोर्ट

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