शाहजहांपुर -शाहजहांपुर की पुलिस लुटेरी साबित हुई है। इस बात की यह बात हम नहीं बल्कि पुलिस ही कह रही है जहां मामला व्यापारी को पुलिस द्वारा बंधक बनाकर 50 लाख रुपए हड़पने का है। व्यापारी को पुलिसकर्मी कार मे बंधक बनाकर उसे 25 लाख की डिमांड करते रहे। मामला आईजी बरेली तक पहुंचने के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया। जहां पुलिस की टीम ने एसओजी के दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार ही नही बल्कि उनसे 50 लाख बरामद भी कर लिये। वहीं एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए केस दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेजने के साथ निलंबन की कार्रवाई की है।
बताया जा रहा कि धागा कम्पनी के कर्मचारी व्यापारियो से 50 लाख बसूलेने के बाद कार से काशीपुर जा रहे थे। इसी बीच किसी ने एसओजी के लाइन हाजिर सिपाही सत्यदेव को इसकी मुखवरी कर दी।सत्यदेव ने दो नंबर का रुपया जानकर अपने एक और लाइन हाजिर सिपाही से संपर्क किया।और उन्होंने इस काम के लिए तिलहर थाने के तैनात एक सिपाही महेंद्र को भी इस काम मे शामिल कर
लिया। तीनो सिपाहियों ने तिलहर से कंपनी के कर्मचारियों को उनकी ही कार में बंधक बना लिया और कंपनी के मालिक को फोन करके कहा कि तुम्हारा दो नंबर का रुपया है यदि निपटाना चाहते हो तो 25 लाख दे दो। कंपनी मालिक के दोस्त ने आई जी जोन बरेली डी के ठाकुर को सूचना कर दी। जहां आई जी ने जलालाबाद कोतवाल हरेंद्र सिंह को कोलापुल से पहले कंपनी की गाड़ी को
पकडवा लिया।
पुलिस को आता देख पूरे मामले का सरगना एसओजी का लाइन हाजिर सिपाही सत्यदेव मौके से निकल भागा पुलिस ने गाड़ी से कंपनी कर्मचारी सहित दोनो सिपाहियो को पकड़ लिया।उनके पास से एक तमंचा तथा 9 जिंदा कारतूस बरामद किए।
इसके अलावा गाड़ी से 50 लाख की नगदी भी बरामद की। जिसे आयकर विभाग को छानबीन के लिये दे दिया गया। वही एसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को दोषी पाते हुए केस दर्ज करते हुए उन्हें जेल भेजने के साथ निलंबन की कार्रवाई की है।
यह पहला मामला नही है जब रक्षक बनने वाली पुलिस जब भक्षक साबित हुई है। पुलिस अधिकारियो की मंशा के खिलाफ काम रही पुलिस की यह एक छोटी सी बानगी भर है यदि आई जी बरेली ने इस मामले मे तुरन्त सक्रियता न दिखाई होती तो यह भी मामला दबकर पुलिस मालामाल हो चुकी होती।
– शाहजहांपुर से अंकित कुमार शर्मा