बरेली। कोरोना महामारी में आयुर्वेद की उपयोगिता उभरकर सामने आयी है। आयुर्वेद एक पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है, जिसमें तमाम गंभीर बीमारियों के साथ महामारी जैसी स्थिति से बचाव के उपाय व चिकित्सा का वर्णन किया गया है। निरोगी व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना और रोगी व्यक्ति के रोग की चिकित्सा करना ही आयुर्वेद के मुख्य उद्देश्य हैं। स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा के लिये आयुर्वेद में आहार, विहार और आचार का विस्तृत वर्णन किया गया है। आयुर्वेद में निर्देशित उचित आहार का ग्रहण एवं विरुद्ध आहार का त्याग किया जाये तो व्यक्ति की इम्युनिटी यानी रोगों से लड़ने की शक्ति मजबूत होती है। वहीं जो विरुद्ध आहार का सेवन करते रहते हैं उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती जाती है। इसी के साथ दिनचर्या, रात्रिचर्या और ऋतुचर्या का पालन करना भी स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक होता है। जो लोग अधिक काम करने की चाहत में देर रात तक जागते हैं और सुबह देर से उठते हैं तथा अनियंत्रित भोजन करते हैं, वे शीघ्र ही हाई ब्लड प्रेशर, पाचन सम्बन्धी समस्याओं या मधुमेह जैसे रोगों के शिकार हो जातें हैं। आयुर्वेद में दिनचर्या पालन के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठना और जल्दा सोना बताया गया है। यह स्वास्थ्य के लिये उत्तम होता है। जिस तरह से एैलोपैथ में वैक्सीन और वैक्सीनेशन का सिद्धान्त है, उसी तरह से आयुर्वेद में व्याधिक्षमत्व यानी इम्युनिटी बढ़ाने यानि शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ाने का सिद्धान्त है। प्रत्येक व्यक्ति में रोगों से लड़ने की शक्ति के आधार पर तीन बल यानी सहज बल, कालज बल और युक्तिकृत बल बताए गए हैं। आयुर्वेद में नित्य आहार के रूप में ग्रहण की जाने वाली चीजों का भी विशेष महत्व है। इनमें बहुत सी चीजें हम घर में मसालों के रूप में रोज प्रयोग करते हैं, जैसे हल्दी, धनिया, काली मिर्च, सोंठ, दालचीनी, जीरा, मेथी, जायफल, इलायची, लहसुन, प्याज आदि। इसके अतिरिक्त आयुर्वेद में रसायन सेवन को भी विशेष महत्व दिया गया है, जैसे च्यवनप्राश, आमलकी, ब्राह्मी, शंखपुष्पी आदि रसायन। रसायन का सेवन युक्तिकृत बल बढ़ाने में तथा स्वास्थ्य रक्षण के लिये सबसे अधिक उपयोगी होता है। कोरोना वायरस का प्रभाव सबसे अधिक श्वसन तंत्र पर होता है। इसीलिये इसमें श्वसन तंत्र पर काम करने वाली चीजों का सेवन अधिक उपयोगी है। श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिये हमें प्रतिदिन भोजन में हल्दी, सोंठ, काली मिर्च, लहसुन आदि का सेवन अवश्य करना चाहिये। गर्म पानी का प्रयोग पाचन शक्ति बढ़ाने के लिये बहुत उपयोगी होता है। इसलिये भोजन के बाद गुनगुने पानी का सेवन करें और दिन भर में कम से कम तीन-चार बार गुनगुना पानी पीयें। इससे पाचन शक्ति अच्छी बनी रहेगी।।
बरेली से कपिल यादव