*लोगों का मास्क न लगाना, सुरक्षित दूरी का पालन न करना,बाजारों में भीड़ लगाना और बड़े खतरे को देता न्योता..!
आजकल संचार के विभिन्न साधनों के द्वारा रोजाना कोरोना संक्रमितों और इससे मरने वालों के आंकड़े पढ़ने को मिल रहे हैं। पिछले दिनों त्योहारों की वजह से बाजारों में भीड़ थी, यह समझ में आता है। लेकिन भीड़ तो अब भी जस की तस है। दिल्ली ही नहीं, देशभर में यही आलम देखने को मिल रहा है।
देश में इस संक्रमण को शुरूआती दौर के तीन-चार महीनों में पूर्णबंदी के माध्यम से काफी कुछ नियंत्रित किया गया था।
सरकार ने उन संकट के दिनों मे भी लोगो को परेशानियां ना हों, उसके लिए सभी आवश्यक सेवाओं को निरंतरता प्रदान की थी। इन दिनों त्योहारों के मौसम के साथ-साथ हमारे देश में विवाह के मुहूर्त भी काफी ज्यादा होते हैं।
सरकार ने शादी-समारोहों को निर्बाध रूप से आयोजित करने के लिए भी अनेक दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिनका पालन कर संक्रमण से बचाव के साथ अपने आयोजनों को भी लोग आनंदपूर्वक संपन्न कर सकते हैं।
पर देखने मे यह आ रहा है कि कई आयोजनों में इन नियमों की जम कर अवहेलना की जा रही है।
यही कारण है कि कोरोना पीड़ितों की संख्या में अचानक से काफी उछाल आ गया है। दिल्ली, अमदाबाद, भोपाल, इंदौर बंगलुरू जैसे बड़े शहरों से आ रहे संक्रमितों के आंकड़े होश उड़ाने वाले हैं। छोटी जगहों पर जहां इस बीमारी की जांच के पर्याप्त साधन नहीं हैं,
जहां जांच ही नहीं हो पा रही है, वहां की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। देश के कई राज्यों में अब ठंड भी बढने लगी है और इससे भी संक्रमण बढ़ने का खतरा बताया गया है। लेकिन इन सबके बावजूद लोगों का मास्क न लगाना, सुरक्षित दूरी का पालन न करना, बाजारों में भीड़ लगाना और बड़े खतरे को न्योता देना है।