बरेली। चौपला पुल निर्माण लोगों के लिए आफत बना हुआ है। 75 दिन तक इस चौराहे को बंद कर के निर्माण में तेजी लाने की बात कही गई थी। मगर काम की गति से लग रहा है कि सेतु निगम अफसर इस अवधि को और बढ़ाने की फिराक में है। वरना सिटी की ओर एक या दो स्पान के पटान के बाद यहां आवागमन शुरू कराया जा सकता है। एक स्पान के पटान से ही चोपुला चौराहा से कतुबखाना की ओर जाने वाला रास्ता खुल सकता है मगर इसके लिए तैयारी ही नहीं की गई है। बीती 1 दिसंबर से चौपुला चौराहा से आवागमन बंद कर दिया गया था। तब 75 दिन की अवधि मांगी गई थी जबकि वहां से आवागमन बाधित हुए 33 दिन बीत चुके हैं। अब 42 दिन के भीतर लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि सेतु निगम के अफसरों की मंशा लोगों को राहत देने की नहीं है। अगर इस मंशा से काम किया जाता तो सिटी की ओर से होने वाली स्लैब कास्टिंग के दौरान ही चौपुला की ओर के पिलर की आरसीसी कास्टिंग पूरी कर ली जाती। केवल एक स्पान के पटान के बाद से ही चौपुला से कुतुबखाना की ओर जाने वाला रास्ता खुल सकता है। चौपला चौराहा पर आवागमन बंद करने के पीछे तर्क दिया गया था कि यहां से गुजरने वाले लोग हादसे का शिकार हो सकते है। ऐसा न हो इसके लिए चौपुला चौराहा को बंद किया गया है। मगर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है कि पैदल और साइकिल वाले लोगों पर वहां से गुजरने की पाबंदी लगाई जा सके। साइकिल और पैदल चलने वाले लोग खुद की जान जोखिम में डालकर वहां से गुजर रहे है। ऐसे में उनके साथ कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।।
बरेली से कपिल यादव