काली नदी दूषित होने से गावों में लगे हैंडपम्पों का पानी भी दूषित: विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हो रहें हैं ग्रामीण

मुज़फ्फरनगर -काली नदी के दूषित होने से कई ग्रामों में लगे हैंड पम्पों का पानी भी दूषित हो गया है जिसके चलते विभिन्न तरह की बिमारियों से ग्रस्त हो रहे है ग्रामीण।

प्राप्त जानकारी के अनुसार सहारनपुर से निकलने वाली हिंडन नदी की सहयोगी नदी कहलाए जाने वाली काली नदी यूँ तो काफी समय से दूषित हो रही है लेकिन इसमें उत्तराखंड व यूपी की सीमाओं से निकलने पर कई औद्योगिक इकाइयों द्वारा छोड़ा गया कैमिकल एवं अन्य हानिकारक तत्वों से इसका पानी गन्दा होने के साथ ही दूषित व विषैला भी होने लगा है।

जनपद मु नगर की सीमा में रोहाना से पूर्व मलीरा से होकर बावन दरा पुल से निकलती हुई यह काली नदी थाना शहर कोतवाली क्षेत्र के न्याजुपुरा से निकल रही है । जहां से आस पास के मोहल्लों और ग्रामों का कूड़ा कचरा सहित मृत पशुओं तक के अवशेष इसमें कभी कभार तैरते देखे जा सकते हैं।यहीं नही इसमें मृत मछलियाँ भी कई बार निकल चुकी है और तो और बीते कई माह पूर्व जिलाधिकारी सहित तमाम अधिकारीयों ने इसकी साफ सफाई भी कराकर इतिश्री कर ली थी ।लेकिन कोई भी अधिकारी इसको पूर्ण रूप से साफ नही करा पाया यहां तक की जनपद मु नगर के सांसद सन्जीव बलियांन तक भी इसमें प्रयास कर चुके है ।

अब बात करते है इस काली नदी के दूषित पानी के प्रभाव की :-

तो सदर तहसील के अंतर्गत पड़ने वाले ग्रामों सिमली ,सुजड़ू, वहलना , लचेडा आदि गांवों की जहां का पानी भी पीने योग्य नही रहा । बात करते है क्षेत्र के गांव सिमली की जहां ग्रामीणों ने बताया की इस काली नदी का लोग बीते 15 से 20 वर्ष पूर्व पानी पिया करते थे और अपने पशुओं को नहला धुला करते थे । लेकिन आज की तारीख में इसका पानी इतना दूषित हो चूका है की इसका पानी पीना तो दूर की बात है इसके प्रभाव से गांव के कई सरकारी हैड पम्प से निकलने वाला पानी भी दुषित हो चूका है ।

ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया की इस गांव के अधिकांश हेड पम्प पर रेड निशान भी लग चूका है लेकिन अभी तक उन्हें बदला नही जा सका है ।यहां के ग्रामीणों ने बताया की यहां के पानी में विभिन्न तरह की बीमारी हो रही है जिससे अधिकतर ग्रामीणों में खाज खुजली , साँस लेने में दिक्कत यहां तक की आँखों में जलन तक होने लगी है ।ग्रामीणों ने बताया की हमारे गांव के बाहर बीते कुछ माह पूर्व जिले के अधिकारीयों के साथ ही सांसद , विधायकों ने नदी साफ कराने के लिए कुछ दिन सफाई अभियान भी चलाया था लेकिन वो भी एक दो दिन चलकर टायें टायं फिस हो गया ।

-मुजफ्फरनगर से भगत सिंह की विशेष रिपोर्ट

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