ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन कराकर पाएं पांच लाख तक निःशुल्क उपचार की सुविधा

*श्रमिकों को भी मुफ्त कैशलेस इलाज की मिलेंगी सुविधा

(पांच लाख रुपये तक करा सकेंगे इलाज – जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर

मुजफ्फरनगर- लोकवाणी सभागार में असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक कें ई-श्रम कार्ड बनाने के संबंध में समीक्षा बैठक संपन्न हुयी जिसमे सरकार की ओर से 05 लाख तक का निशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस सुविधा का लाभ प्राप्त करने हेतु उन्हें ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।

सहायक श्रम आयुक्त श्रीमति प्रतिभा तिवारी ने बताया कि असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक श्रम एवं रोजगार मन्त्रालय भारत सरकार द्वारा संचालित ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीयन करा लें। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन पूर्णतः निशुल्क है। जिसमें पंजीयन के लिए, आधार नम्बर, आधार लिंक्ड बैंक एकाउन्ट और आधार लिंक्ड मोबाइल नम्बर की आवष्यकता होगी। पंजीयन किसी भी जन सेवा केन्द्र,जन सुविधा केन्द्र, ई-सेवा केन्द्र, लोकवाणी अथवा स्वतः कम्प्यूटर लैपटाप या मोबाइल द्वारा किया जा सकता है। पंजीकृत श्रमिक को उप्र सामाजिक सुरक्षा बोर्ड द्वारा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 05 लाख तक निशुल्क चिकित्सा की सुविधा मिलेंगी। सीएम दुर्घटना बीमा योजना के तहत 02 लाख तक दुर्घटना हितलाभ अनुमन्य कराया जायेगा।

उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी ने असंगठित श्रमिकों के शत प्रतिशत पंजीयन की कार्यवाही सुनिश्चित करने हेतु कड़े निर्देश दिए है। जनपद में योजना के कार्यान्वयन हेतु जनपद स्तरीय कार्यान्वयन समिति का गठन किया गया है। डीएम की अध्यक्षता में गठित समिति में अध्यक्ष में सचिव सहायक श्रमायुक्त सहित विभिन्न विभागों के 20 अधिकारी शामिल है। उन्होंने सभी असंगठित श्रमिकों से अपील करते हुए कहा कि वह भारत सरकार के ई-श्रम पोर्टल पर पंजीयन कराकर 05 लाख तक निःशुल्क चिकित्सा की सुविधा का लाभ लें तथा 02 लाख रूपये तक दुर्घटना बीमा का हितलाभ प्राप्त करें।

ये असंगठित कामगार हैं पात्र
धोबी, दर्जी, माली, मोची, नाई, बुनकर,कोरी, जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाले कर्मकार, हाथ ठेला चलाने वाला, फुटकर फल-फूल व सब्जी विक्रेता, चाय-चाट का ठेला लगाने वाले, मोटर साईकिल व साईकिल मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, भटटंे पर कार्य करने वाले, मनरेगा मजदूर, आटो चालक, अगरबत्ती (कुटीर उद्योग) बनाने वाले कर्मकार, गाड़ीवान, घरेलू उद्योग में लगे मजदूर, भड़भूजे (मुर्रा चना फोड़ने वाले) पशुपालन, मत्स्य पालन, मुर्गी-बतख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले मजदूर, खेतिहर कर्मकार, चरवाहा-दूध दोहने वाले, नाव चलाने वाला (नाविक), नट-नटनी, रसोईया, हड्डी बीनने वाले (हड्ड बिन्ने), समाचार पत्र बांटने वाले (हाकर), ठेका मजदूर, सूत, रंगाई, कताई, घुलाई, दरी-कम्बल-जरी-जरदौजी-चिकन कार्य, मीटषीप व पोल्ट्री फार्म पर कार्य करने वाले, डेयरी पर कार्य करने वाले श्रमिक, कांच की चूड़ी एवं अन्य कांच उत्पादों में स्व-रोजगार कार्य करने वाले कर्मकार योजनाओं के पात्र होंगे। इसी श्रेणी का कार्य करने वाले श्रमिक असंगठित श्रमिक की श्रेणी में आते हों। जिनकी उम्र 18 वर्ष से 59 वर्ष के बीच है, कर्मचारी भविष्य निधि तथा राज्य कर्मचारी बीमा योजना से आवर्त नहीं है व आयकर दाता भी नहीं है।

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