बरेली। रेलकर्मी आपात स्थिति में खुद भी किसी रेफरल अस्पताल जाकर भर्ती हो सकते हैं। कर्मचारियों की बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मंगलवार को रेलवे बोर्ड से यह आदेश जारी हुआ है। इससे किसी तरह की एक्सीडेंट, हार्ट अटैक, लकवा, ब्रेन हैमरेज और आग से जलने पर तत्काल इलाज की सुविधा मिलेगी। नई गाइडलाइन से कर्मचारी को गंभीर स्थिति में रेलवे अस्पताल से रेफर कराने की जरूरत नहीं होगी। रेलवे बोर्ड ने रेलवे कर्मचारियों एवं उनके परिवारीजनों को बड़ी राहत दी है। नरमू के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी ने बताया कि एआईआरएफ व नरमू काफी लंबे समय से यह मांग उठती आ रही थी। एआईआरएफ व नरमू की मांग पर विचार करते हुए रेलवे बोर्ड ने आदेश जारी कर दिए है। अब आपात स्थिति में रेलवे कर्मचारी एवं उनके परिवारीजन सीधे रेलवे के संबद्ध हॉस्पिटलों में भर्ती हो सकेंगे और उनका पूरा खर्च रेलवे वहन करेगी। यही नही यदि कर्मचारी आउटडोर पेशेंट के रूप मे रेलवे के सम्बद्ध हॉस्पिटल में अपना इलाज कराता है तो उसका भुगतान भी रेलवे द्वारा ही किया जाएगा। यह रेलवे कर्मचारियों एवं उनके परिवारीजनों के लिए बहुत बड़ी राहत है साथ ही एआईआरएफ एवं नरमू की बड़ी उपलब्धि है। मंडल मंत्री कामरान अहमद ने बताया कि भारतीय रेलवे में कार्यरत कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी। इस अवसर पर नरमू के मंडल कार्यालय पर संपन्न हुई बैठक मे प्रमुख रूप से मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह मलिक, संयुक्त मंडल मंत्री रोहित सिंह, आर के पांडे, सोमनाथ बनर्जी, हरपाल सिंह, जितेंद्र कुमार, मोहम्मद यूनुस, प्रतिभा राव तथा नरमू के मीडिया प्रभारी आरिफ हुसैन उपस्थित रहे।।
बरेली से कपिल यादव