हरियाणा/रोहतक- आशा वर्करों की राष्ट्रीय तालमेल कमेटी के अखिल भारतीय आह्वान पर रोहतक जिले की सैकड़ों आशा वर्करों ने आशा वर्कर्स यूनियन (सीटू) के नेतृत्व में सीएमओ कार्यालय पर किया जोरदार प्रदर्शन। प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री, मिशन डायरेक्टर को संबोधित ज्ञापन सीएमओ डॉ. अनिल बिरला को सौंपा गया। विरोध कार्रवाई का नेतृत्व यूनियन की जिला प्रधान अनीता भाली ने किया।
गौरतलब है कि आशा वर्करों ने लंबे संघर्ष के बाद फिक्स मानदेय में और प्रोत्साहन राशियों में बढ़ोतरी समेत कई मांगे मन हवाई खट्टर सरकार से बनवाई थी 21 जुलाई 2018 को हुए समझौते को 1 साल बीत जाने के बावजूद भी समझौते को पूर्णतया लागू नहीं किया गया है। इस वादा खिलाफी से आशा वर्करों में भारी रोष है।
प्रदर्शन से पहले मेडिकल मोड स्थित पार्क में एकत्रित आशा वर्करों को संबोधित करते हुए सीटू प्रदेश उपाध्यक्ष रामचंद्र सिवाच और यूनियन की जिला कोषाध्यक्ष कमलेश लाहली ने कहा कि एक ओर तो सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आशा वर्करों से भारी भरकम काम ले रहे हैं, दूसरी ओर मार्च महीने के बाद आशा वर्करों को फिक्स मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा आए दिन नए-नए काम लादकर आशा वर्करों से बेगारी करवाई जा रही है।
प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सर्व कर्मचारी संघ के नेता जयकुमार जय कुमार दहिया और सीटू नेता प्रकाश चंद्र ने कहा कि केंद्र की सरकार परियोजना वर्करों को 46 में श्रम सम्मेलन में परियोजना कर्मियों को कर्मचारी घोषित करने की सिफारिश को स्वीकार किए जाने के बावजूद भी इसे लागू नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह पूरे देश में एक करोड़ महिला परियोजना कर्मियों के साथ धोखा है। अगर जल्द ही सरकार ने समस्याओं का समाधान नहीं किया तो आगामी विधानसभा में मौजूदा सरकार को इसकी कीमत चुकानी होगी। इसके बाद सभी आशा वर्कर जोरदार नारेबाजी करते हुए सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची और स्थानीय समस्याओं समेत अन्य नीतिगत मसलों संबंधी मांग पत्र सीएमओ डॉ. अनिल बिरला को सौंपे।
प्रदर्शन की कार्यवाही का संचालन यूनियन जिला उपप्रधान ललिता और जिला सचिव सोनिया मुगाण ने किया। प्रदर्शन को कर्मचारी नेता सतबीर मुंढाल,जोगिंदर करोथा, कर्मवीर सिवाच के अलावा भवन निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव सत्यनारायण सीटू के जिला सह सचिव कामरेड विनोद ने भी अपना समर्थन दिया।
इस प्रदर्शन में मूर्ति, अनीता, गीता बैंसी, कविता गुगाहेड़ी, सोनिका, रीना, आशा, सुशीला, मुकेश, सुषमा, सुनीता व सीमा प्रमुख तौर पर शामिल रही।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिशत वापस लागू करने, हर महीने की 10 तारीख से पहले प्रोत्साहन राशियों का पैसा खातों में डाला जाए। फिक्स, स्टेट की और सेन्टर की सभी प्रोत्साहन राशियों का भुगतान एक साथ किया जाए। 21 जुलाई 2018 को जारी हुए नोटिफिकेशन को हू ब हू लागू किया जाए। ए.एन.एम. और कोओरडीनेटर की भर्ती में योग्य आशाओं को प्राथमिकता दी जाए।
इसके अलावा सैल्फ अप्रेजल की बुक छाप कर दी जाए और अक्षरों का साईज थोड़ा बड़ा किया जाए।
एन.सी.डी. का पूरा सामान और उसकी गाईड लाईन दी जाए। सभी आशाओं के पास एन.सी.डी. के रजिस्ट्र नहीं है। आशाओं को रजिस्ट्र फोटो काॅपी करवाने को कहा जा रहा है।
आशाओं को भी आयुष्मान भारत योजना का हिस्सा बनाया जाए। रिवाड़ी की हटाई गई दो आशाओं अनिता और पप्पी को दोबारा लगाया जाए। ट्रेनिंग में खाने की गुणवत्ता एवं स्टशेनरी बेहतर दी जाए। ट्रेनिंग की गाईडलाईन यूनियन को भी उपलब्ध करवाई जाए। हरियाणा सरकार द्वारा ए.एन.सी. पर बढ़ाए गए 100 रुपए पर तीनों ए.एन.सी. के कम्प्लीशन की शर्त हटा इसको 50, 25, 25 में बांटा जाए।
– रोहतक से हर्षित सैनी