गाजीपुर- आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन गाजीपुर की एक आवश्यक बैठक आरटीआई कैंपस में संपन्न हुई। बैठक में बोलते हुए जिला उपाध्यक्ष रेखा पासवान ने कहा कि हमारी मानदेय की लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने हमारे संघर्ष को देखते हुए हमारे मानदेय को दोगुना करने के लिए विधानसभा में बजट पारित करा दिया है और वह बजट निदेशक महिला एवं बाल विकास के खाते में भी स्थांतरित कर दिया है। जहां तक मानदेय वृद्धि के शासनादेश का सवाल है, 2 अक्टूबर से पूर्व उत्तर प्रदेश सरकार संभवत: मानदेय वृद्धि का शासनादेश निर्गत कर देगी। अन्य संगठनों के क्रियाकलाप की आलोचना करते हुए जिला अध्यक्ष आशा पटेल ने कहा कि आंगनबाड़ियों के चंदे से फलने-फूलने वाले संगठन आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में कोई भी बृद्धि कराने में नाकाम साबित हुए, लेकिन वर्ष 2016 में रजिस्टर्ड आंगनबाड़ी कर्मचारी एवं सहायिका एसोसिएशन अपने संघर्षशील आंगनबाड़ी सदस्यों के दम पर कामयाब हुआ। अपनी बात को आगे बढाते हुए आशा पटेल ने कहा कि हमारा संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ है। हमारी अगली लड़ाई आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के बीमा तथा सीपीएफ कटौती की होगी, जिसे हम हाईकोर्ट के माध्यम से लड़कर उत्तर प्रदेश सरकार से लेंगे। जिला संरक्षक सूरज प्रताप सिंह ने कहा कि हमारा विभाग ICDS भ्रष्टाचार का गढ बन गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से कभी आडिट के नाम पर वसूली तो कभी प्रति बोरी पुष्टाहार के नाम वसूली बिभाग का पेशा बन गया है। विभागीय भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठन बहुत ही जल्द जिलाधिकारी को पत्र देकर धरना प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहा है। इस बैठक में अनीता गुप्ता,सीमा मौर्या,शकुंतला, संगीता, कृष्णा, सगुन, रूबी, निशा, रीता, विमला, दिव्या, नसीमा, साजीदा आदि कार्यकर्तीया उपस्थित थी।