आंखों से छलके आंसू, रूहानियत से सराबोर रही शबे बारात की रात

फतेहगंज पश्चिमी, बरेली। मुकद्दस शबे बारात पूरी अकीदत और एहतराम के साथ मनाई गई। खास इबादत की यह रात रूहानियत से भरपूर रही। गुरुवार को शहर भर की दरगाहों और कब्रिस्तानों में सन्नाटा छाया रहा। घरों में ही इबादत करते हुए मुसलमानों ने दुआ की। हर शख्स दुआ मांगते नजर आए। कोरोना वायरस से हिन्दुस्तान और पूरी दुनियां महफूज रहे यही दुआ रब की बारगाह में की गई। शबे बारात की इस मुकद्दस रात में लोगों ने रात भर इबादत की। घरों में तिलावते कुरान की गूंज रही। लोगों ने नफिल नमाज और वजीफे पढ़े। खास दुआएं पढ़ी गईं और अजीजों की मगफिरत के लिए दुआ की। अपने गुनाहों की तौबा कर रब से माफी मांगी। शबे बारात को लेकर सुबह से ही मुस्लिम घरों में तैयारियां शुरू हो गई थीं। खास कर हलवा सहित कुछ मीठा घरों में बनाए गए और दिन भर नियाज नजर का दौर चला। शाम को लोग दरगाह, कब्रिस्तान तो नहीं गए लेकिन नमाज, कुरआन तिलावत में लगे रहे। यह सिलसिला पूरी रात जारी रहा। लॉकडाउन की वजह से मस्जिदों से ऐलान हुआ कि घरों में ही इबादत करें, घरों से बाहर न निकलें। ऐलान के बाद कोई भी मुसलमान घरों से बाहर नहीं निकले। सभी ने घरों में ही इबादत की और नियाज नज्र के साथ दुआ मांगी। लोग इस रात को अपने अजीजों की कब्र पर भी चरागा करने नहीं पहुंचे। घरों से ही फातेहा पढ़कर उनकी मगफिरत के लिए दुआएं कीं। सिलसिला पूरी रात जारी रहा। इसी तरह शिया हलकों में नियाज नजर का सिलसिला रहा।
शिया मुसलमानों ने घरों में ही सजाए इमामबाड़े, नियाज नज्र दी
मुस्लिम शिया समाज में लॉकडाउन के चलते शब-ए-बारात पर अपने-अपने घरों में ही नियाज नज्र के साथ रोशनी की। अजीजों के लिए फातिहा पढ़ी। लॉकडाउन के चलते शबे बारात को घरों में ही इबादत की गई। घरों के इमामबाड़ों में नियाज नज्र का सिलसिला जारी रहा। कोरोना वायरस के खात्मे की दुआ की गई।।

– बरेली से कपिल यादव

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