असत्य पर सत्य की जीत के साक्षी बने हजारों दर्शक: डीएलडब्ल्यू में जलाया गया 60 फिट का पुतला

वाराणसी- असत्य पर सत्य की विजय के महापर्व विजय दशमी पर मंगलवार को हजारों दर्शक इसके साक्षी बने। डीएलडब्ल्यू के मैदान में आयोजित विजयदशमी के महापर्व में काशी के लोगों ने 60 फीट ऊंचे रावण के पुतले को जलता देखा। भगवान रामचंद्र और लक्ष्‍मण के जयकारे लगे।
बड़ों ने बच्‍चों को रामायण का यह सार समझाया कि अधर्म कितना भी ताकतवर क्‍यों न हो, धर्म के आगे उसे हारना ही पड़ता है। पुतला दहन से पहले डीरेका मैदान में लक्ष्‍मण पर शक्ति प्रयोग और राम-रावण युद्ध प्रसंगों का भी मंचन हुआ।
इसके पूर्व डीरेका परिवार के सदस्यों एवं बच्चों द्वारा राम चरित मानस के अंतर्गत राम वनगमन, सीता हरण, लंका दहन, मेघनाद द्वारा लक्ष्मण पर शक्ति प्रयोग के उपरान्त राम का विलाप एवं सीता अग्नि परीक्षा इत्यादि विविध प्रसंगों को रूपक प्रस्तुतिकरण द्वारा जीवंत रूप से दर्शाया गया।
डीएलडब्ल्यू में रावण के पुतले के साथ ही कुम्‍भकर्ण और मेघनाद के गगनचुम्‍बी पुतले भी बनाए गए थे। अंतिम प्रसंग के मंचन के बाद रामचंद्र के बाण से रावण का पुतला धू-धू कर जल उठा।
डीरेका मैदान में रावण दहन देखने के लिए दोपहर बाद से ही शहर के सभी कोनों से भीड़ उमड़ने लगी थी। पुरुषों और महिलाओं के साथ बच्‍चों की संख्‍या भी काफी थी। सभी ने समय से मैदान के आसपास स्‍थान ग्रहण कर लिया। जो देर से पहुंचे वह भी खड़े होकर रावण दहन का इंतजार करते रहे। भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा व्‍यवस्‍था भी चाक-चौबंद थी। डीरेका परिसर में कई थानों की पुलिस के साथ ही डीरेका के सुरक्षाकर्मी भी मुस्‍तैद थे और भीड़ पर नजर बनाए हुए थे।
इस अवसर पर डीरेका स्टेडियम में विजयादशमी समारोह का रसास्वादन कर रहे विशाल जनसमुदाय के बीच डीरेका के अधिकारीगण, कर्मचारीगण, वाराणसी शहर के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारीगण एवं शहर के गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

रिपोर्टर:-महेश पाण्डेय

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