अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक ऐसी महिला का परिचय जो किसी पहचान की मोहताज नहीं

हरदोई- अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है। इस मौके पर मिलिए हरदोई की एक ऐसी साहसी महिला से जिसका जीवन संघर्षों की कहानी है। लेकिन, हौसलों की उड़ान और सपनों में जान होने की वजह से इस महिला ने सफलता की नई इबारत लिख दी। हरदोई ही नहीं यह देश-प्रदेश में वेटलिफ्टिंग और पावर लिफ्टिंग की जानी पहचानी बन चुकी हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उन्होंने बताया कि उनके इरादे बुलन्द हैं। वह खेल की दुनिया में गरीब बच्चों को खासतौर से दिव्यांग बच्चों को सफलता का नया स्वाद चखा रही हैं। उन्हें सपने तो दिखा ही रही हैं बल्कि उनके हौसलों में जान भरने का भी काम कर रही हैं। वेटलिफ्टिंग और पावर लिफ्टिंग कोच पूनम तिवारी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढेर सारे पदक जीतकर भारत की झोली में डाल चुकी हैं। इस समय वह हरदोई स्टेडियम में वेटलिफ्टिंग कोच होने के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में होने वाले आयोजनों में मैच रेफरी की भूमिका निभाती हैं। पूनम तिवारी ने कहा कि ‘उस पथ के पथिक की धैर्य परीक्षा क्या जिस पथ पर पड़े शूल न हों, नाविक की धैर्य परीक्षा क्या जब धाराएं प्रतिकूल न हों।
-राजपाल सिंह कुशवाहा, बिलग्राम हरदोई

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