उरई(जालौन) सीएमओ डा. अल्पना बरतारिया ने सोमवार को माधौगढ़ पहुंचकर झोलाछाप डाक्टरों के स्वयंभू अस्पतालों पर दबिश दी। उनके आने की खबर पहले ही लीक हो चुकी थी। जिसकी वजह से अधिकांश झोलाछाप डाक्टर लापता हो गये थे। उनकी कार्रवाई में दो तथाकथित डाक्टर पकड़ में आये। सीएमओ का कहना है कि दोनों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
सूत्र बताते हैं कि प्रतिवर्ष मार्च के महीने में जब बीमारियों का सीजन शुरू होता है मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय से झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ हांका किया जाता है। गत वर्ष अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. सत्यप्रकाश ने ऐसे ही हांका के दौरान माधौगढ़ में 7 झोलाछाप डाक्टरों पर शिकंजा कसा था। लेकिन बाद में उन पर कोई कार्रवाई नही हुई। यह हर साल का दस्तूर है। कार्रवाई के बहाने सभी झोलाछापों को सीएमओ कार्यालय पहुंचकर अपना दस्तूर जमा कराने का संदेश देने की कोशिश की जाती है। आज सीएमओ की पकड़ में आये डा. तपन विश्वास भी गत वर्ष एसीएमओ डा. सत्यप्रकाश के हाथों पकड़े गये थे। लेकिन फिर भी उनका क्लीनिक बंद नही हुआ।
इसी दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी ने माधौगढ़ के गांधी नगर मोहल्ला निवासी लालू के शिकायती पत्र की भी जांच की। जिसमें उसने आरोप लगाया था कि 9 जनवरी को उसे हलका बुखार होने पर वह डाक्टर विनीत कुमार घोष के क्लीनिक पर पहुंच गया। जिन्होंने उसे गलत इंजेक्शन लगा दिये। नतीजतन उसका मर्ज और बिगड़ गया। जब उसने जालौन में डा. एमपी सिंह को दिखाया तब यह बात उससे पता चली। इसलिए उसने विनीत कुमार घोष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीएमओ ने इस मामले में फरियादी के बयान दर्ज किये। बाद में उन्होंने डा. घोष के भी बयान लिए।
-अभिषेक कुशबाहा जालौन