राजस्थान/बाड़मेर – बाड़मेर जिले के सभी छोटे बड़े कस्बों सहित आसपास के गांवों में झोलाछाप किराए की दुकानों में अनाधिकृत क्लिनिक खोलकर राज्य सरकार व प्रशासन के नियमों को किनारे रखकर कोराना गाइड लाइन के नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रशासन को ठेंगा दिखाते हुए मरीजों का इलाज कर रहे हैं। क्षेत्र में कोरोना संक्रमित दो दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो जाने के बाद भी जिला प्रशासन व चिकित्सा विभाग इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे इनके हौसले दिनों-दिन बुलन्द होते जा रहे हैं। दूर दराज के गांवों में झोलाछाप नीम हकीम अपनी मेडिकल दुकान, अनाधिकृत क्लिनिक व डायग्नोस्टिग सेंटर खोलकर थोड़े से लालच के लिए ही एक साथ अनेक मरीजों को भर्ती कर बिना जांच किए ही ड्रिप, इंजेक्शन व प्रतिबंधित दवाओं को देकर धड़ल्ले से इलाज कर रहे हैं।
वे ना तो खुद के परिवार की, ना ही मरीजों व क्लिनिक के आसपास रहने वाले लोगों के संक्रमण की चिंता कर रहे हैं। इस बारे में बाड़मेर मुख्य चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को पता होने के बाद भी आंखें मूंद कर बैठे हैं।
जानकारों ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के खासी, जुकाम होने पर सरकारी अस्पताल में कोरोना जांच करने के भय से झोलाछाप से ही इलाज करा लेते हैं।जहा झोलेछाप नए नए प्रयोग कर मरीजों की बिना जांच-पड़ताल के ही दवाएं देकर कोरोना संक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पॉजिटिव व मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। गत दिनों भी सिणधरी, सिवाणा कस्बों में जिला मुख्यालय की टीम ने एक दो झोलाछाप डॉक्टर की दुकान को सील करने की कार्रवाई की गई थी।
इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी लेने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बाबूलाल विश्नोई को फोन किया था लेकिन आजकल साहब जिले की चिकित्सा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए ज्यादातर व्यवस्त रहते हैं।
इस बारे में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और कोराना के दौरान चिकित्सा व्यवस्था प्रभारी मोहन दान रतनू ने बताया कि झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी अधिकृत किया गया है। लेबोरेट्री संचालकों ओर डायग्नोस्टिक सेन्टर वाले भी कहीं पर इलाज के नाम पर कोराना जांच-पड़ताल कर रहे हैं तो वह गलत है। जांच कर उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सफल बनाने से ही रूकेगा कोराना : डॉ रचना भाटी
बाड़मेर 20 मई ,कोरोना भड़भड़ी के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए वैक्सीनेशन कोरोना के सामने एक बड़ा हथियार है। अशोक गहलोत सरकार द्वारा विभिन्न माध्यमों द्वारा प्रचार प्रसार करके लोगों को टीकाकरण के लिए जागरूक किया जा रहा है, लेकिन वेक्सीनेशन कार्यक्रम मे अधिकाधिक लोगों को वैक्सीन लगाने से ही मौजूदा हालात में कोराना भड़भड़ी रूकेगी यह कहना है डॉ रचना भाटी का….
इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी देते हुए श्रीमती किरण बी एल शर्मा ने बताया कि लगभग सभी वैक्सीन सेंटरों पर पिछले दो-तीन दिनों से वैक्सीन की खेप खत्म हो चुकी है या कई स्थानों पर खत्म होने के कगार पर बताई जा रही हैं। अब नई खेप के शाम तक आने को लेकर लोगों सहित चिकित्सा महकमे में भी असमंजस कि स्थिति बनी हुई हैं। कि खेप के आने पर वे 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के प्रथम डोज सेंटरों पर या सरकारी अस्पताल परिसर में से कौनसी डोज लगा पाएंगे। लोग भी बार बार सेंटरों पर पहुंचकर डोज के बारे में जानकारी लेते हुए नजर आते हैं।
हालांकि गुरुवार को नगरपरिषद कार्यालय में सभापति दीपक परमार के नेतृत्व में नगर परिषद के कर्मचारियों और वार्ड पार्षदों का ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण किया गया।
सभापति दीपक परमार ने बताया कि कोरोना रोकथाम में वैक्सीन की भूमिका ज्यादा कारगर पाई जा रही हैं। इसके चलते बड़ी संख्या में लोग भी टीकाकरण के लिए पिछले महीनों की तुलना में आगे आ रहे हैं।
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार वैक्सीनेशन से कोरोना के घातक संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता हैं। अभी केन्द्र सरकार द्वारा 18 से 45 वर्ष के लोगों को 1 मई से टीकाकरण का निर्देश जारी किया गया हैं। इससे पूर्व 45 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण प्रगति पर है, लेकिन आवश्यकता के अनुरूप चिकित्सा विभाग द्वारा टीका उपलब्ध न हो पाना टीकाकरण के अभियान में जरूर खलल पैदा कर रहा है।
नगर परिषद कार्यालय में टीकाकरण के दौरान चिकित्सा विभाग की डॉ रचना भाटी ,वेरिफायर मूल शंकर दवे ,राजेश सोढ़ा आपरेटर ,वेकसीनेटर मखणी पवार ,वार्ड पार्षद ऊषा कुमारी भार्गव, ,नीम सिंह देवड़ा, रूस्तम खां ,सिकंदर, अशोक दर्जी , नेताजी किशोर कुमार शर्मा ओर नगर परिषद के अन्य कर्मचारियों की उपस्थिति में टीकाकरण किया गया।
राजस्थान से राजू चारण