बरेली। सरकार जहां एक ओर लोगो को वैक्सीनेशन कराने हेतु प्रेरित कर रही है वही दूसरी ओर कुछ अधिकारीगण द्वारा अपने दायित्वों का ठीक से पालन न कर पाने का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला शहर के सिगनल रेजीमेंट वैक्सीनेशन सेंटर से जुड़ा है। वैक्सीनेशन हेतु स्लॉट बुक करते समय प्रशासन द्वारा उपलब्ध वैक्सीन सेंटर एमएच हॉस्पिटल को भी शामिल किया गया है परंतु यह सेंटर सिर्फ वैक्सीन सेंटर की लिस्ट में ही दिखाई देता है जबकि वैक्सीनेशन इस सेंटर की जगह सिगनल रेजीमेंट कैंट में किया जा रहा है। जो कि पूर्णतया गलत है। सही जानकारी के अभाव मे वैक्सीनेशन के लिए जा रहे लोगों को बहुत ही ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। समस्या सिर्फ यही खत्म नहीं होती। आर्मी वैक्सीनेशन सेंटर होने के कारण यहां आर्मी के लोगों को वरीयता दी जा रही है, परिणामस्वरूप इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही वहां के स्टाफ द्वारा लोगों के साथ किया जाने वाला व्यवहार भी अनुकरणीय नही है। स्थिति ऐसी है कि आर्मी के वैक्सीनेशन की प्राथमिकता के बाद भी आये अन्य लोगों को भी वापस भेज दिया जाता है। जिस वजह से उनका बुक किया हुआ स्लॉट भी बेकार हो जाता है। ये परेशान लोग जाये तो आखिर कहां जाये। कोई भी जिम्मेदार उनकी सुध लेने वाला नही है। ऐसा ही मामला 17 मई सोमवार उपजा बरेली के सचिव आशीष जौहरी के साथ भी घटित हुआ। जब वह अपनी पत्नी की वैक्सीनेशन के लिए इस सेंटर पर उनके साथ पहुंचे परंतु आर्मी के स्टाफ के दुर्व्यवहार एवं आर्मी सैनिकों को वरीयता के कारण उनकी पत्नी का वैक्सीनेशन नही हो सका। जिसकी वजह से बहां आये और सभी लोगों को भी 4 घंटे इंतजार के बाद बिना वैक्सीन लगवाए ही निराश होकर वापस लौटना पड़ा। उनके अनुसार इसकी सूचना भी कई अधिकारियों को दी गई परंतु कोई कार्यवाही नही हुई और न ही प्रशासन कोई ऐसा समाधान निकाल सका जिससे बेबस आमजन को राहत मिल सके। सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब बुकिंग स्लॉट लिस्ट में एमएच हॉस्पिटल दिया गया है फिर इस हॉस्पिटल की जगह बिना किसी सूचना के दूसरे स्थान पर वैक्सीनेशन क्यों किया जा रहा है….. एवं इसकी सूचना स्लॉट बुक होने के बाद क्यों नहीं प्रदान की जाती है ? आपदा की इस घड़ी में प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही ना करना और ना ही समाधान निकालना एक बड़ा सवाल उत्पन्न कर रहा है।।
बरेली से कपिल यादव