बरेली – रामेश्वरम आयुर्वेद एवं नेचरक्योर सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल में आयोजित नि:शुल्क चिकित्सा शिविर में बरेली के सैकड़ों लोग लाभान्वित हुए। इस शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि रोटरी क्लब ऑफ बरेली ग्लोरी के गवर्नर सीए राजेन विद्यार्थी और मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष श्री सुरेंद्र बिनू सिन्हा ने किया। दोनों संगठनों के लगभग 120 सदस्यों की उपस्थिति से शिविर का माहौल और भी उत्साहपूर्ण बना। इस चिकित्सा शिविर से 250 से अधिक मरीजों ने नि:शुल्क BMD जाँच और विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त किया। शिविर में जोड़ों और रीढ़ की हड्डी के विशेषज्ञ डॉ. अनीमेश मोहन, प्राकृतिक चिकित्सा और योग विशेषज्ञ डॉ. रीति खरे, किडनी और लीवर विशेषज्ञ डॉ. अभय कुमार प्रजापति और आँख एवं ईएनटी विकारों के आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. शालिनी सिंह ने रोगियों को परामर्श दिया। डॉ. शशांक ने शिविर में रोगियों की स्क्रीनिंग और जीवनशैली में सुधार व आयुर्वेदिक आहार के लिए मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उद्घाटन के दौरान, मुख्य अतिथि सीए राजेन विद्यार्थी ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार उन्होंने घुटने और रीढ़ के दर्द का उपचार पंचकर्म के माध्यम से सफलतापूर्वक किया। उन्होंने यह भी कहा कि बरेली के शीर्ष न्यूरोलॉजिस्ट ने उन्हें डॉ. अनीमेश से आयुर्वेद पंचकर्म उपचार कराने की सलाह दी थी। श्री सुरेंद्र बिनू सिन्हा ने कहा कि आयुर्वेद न केवल रोगों का इलाज करता है बल्कि समाज को स्वस्थ रखने में भी सहायक है। उन्होंने भविष्य में मानव सेवा क्लब और रामेश्वरम आयुर्वेद एवं नेचरक्योर अस्पताल के साथ मिलकर इस चिकित्सा पद्धति को समाज में प्रचारित करने के लिए और अधिक प्रयास करने की बात कही। उन्होंने इस अस्पताल को बरेली के लिए एक सौभाग्य बताया, जहां पंचकर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, योग, और आहार से जुड़े उपचार एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं। अस्पताल के निदेशक डॉ. अनीमेश मोहन ने अपने संबोधन में बताया कि अब आयुर्वेद और AYUSH उपचार सभी स्वास्थ्य बीमा और सरकारी योजनाओं जैसे CGHS, पंडित दीनदयाल स्वास्थ्य योजना, और ECHS के तहत कवर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बरेली के निवासी, विशेषकर सरकारी और रक्षा सेवाओं से जुड़े सेवानिवृत्त कर्मचारी, अब इन योजनाओं का लाभ अस्पताल में उठाकर अपनी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।
अस्पताल की प्रमुख प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ, डॉ. रीति खरे ने बताया कि अस्पताल में देश के शीर्ष आयुष संस्थानों के योग्य डॉक्टरों की एक सशक्त टीम उपलब्ध है, जो इस अस्पताल को आयुष चिकित्सा का एक अद्वितीय सुपर स्पेशलिटी केंद्र बनाता है।
इस अस्पताल की चिकित्सा से लाभान्वित, प्रबंधन की प्रोफेसर डॉ. मिल्ली सहगल ने भी अपना अनुभव साझा किया, जिसमें उन्होंने आयुर्वेद उपचार के माध्यम से मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारी से राहत पाई और पिछले छह वर्षों से स्वस्थ जीवन जी रही हैं। उन्होंने आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा को भविष्य की चिकित्सा पद्धति बताया। शिविर में उपस्थित सभी अतिथियों और रोगियों को प्राकृतिक आहार, डिटॉक्स वॉटर, और स्वास्थ्यवर्धक आयुर्वेदिक काढ़ा परोसा गया। इसके अलावा, आयुर्वेद दिवस भी मनाया गया, जहां मरीजों ने सेल्फी पॉइंट पर तस्वीरें लीं, स्वास्थ्य प्रदर्शनी का भ्रमण किया और विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य विषय पर दी गई जानकारी से लाभान्वित हुए।
रामेश्वरम आयुर्वेद एवं नेचरक्योर सुपर-स्पेशलिटी अस्पताल का यह नि:शुल्क शिविर स्वास्थ्य जागरूकता को बढ़ावा देने और आयुर्वेद के महत्व को जन-जन तक पहुँचाने का एक प्रभावी प्रयास साबित हुआ।
– बरेली से पी के शर्मा