बरेली। बिजली विभाग ने आपदा में अवसर तलाशने शुरू कर दिये। जिस कारण बकायेदारों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। न ही लोगों के मोबाइल पर बिल के मैसेज आ रहे है और न ही मीटर रीडर रीडिंग कर रहे है। इस तरह से उपभोक्ताओं पर कोरोना काल में बिजली का मोटा बकाया चढ़ जायेगा। बिजली विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। इस महामारी के दौर मे जहां जनता एक-एक पैसे के लिए परेशान है। त्राहि-त्राहि मची हुई है वही दूसरी तरफ बिजली विभाग के अधिकारियों की ढिलाई को लेकर सवाल उठने लगे है। बीते वर्ष भी उपभोक्ताओ ने यह सोचा था कि सरकार की तरफ उन्हे बिल मे छूट मिलेगी। कोरोना काल मे आर्थिक संकट से जूझ रहे उपभोक्ताओं को काफी आशा थी लेकिन परिस्थितियां उनके अनुकूल नही। इस बार भी 2020 की तरह पुनरावृत्ति की जा रही है। उपभोक्ताओं पर बिल चढ़ाकर उन्हे परेशान किया जाने लगेगा। पिछले माह अप्रैल में भी अधिकांश लोगो के मोबाइल पर विद्युत बिल आया है और न ही मीटर रीडर घरो में रीडिंग लेने गये है। जिससे उपभोक्ता काफी परेशान है। पिछले माह अप्रैल मे मीटर रीडर के न आने से उपभोक्ता परेशान है। अगर एक साथ दो तीन महीने का बिल आता है तो वह उसको कहां से जमा करेगे। महामारी के इस दौर में पेट भरने के लाल पड़े है। ऊपर से यह बिल उनकी जान ही निकाल देगा। मार्च महीने मे बिजली विभाग ने अपने बकायेदारों पर बड़ी कार्रवाई की थी। जिसमे कई बड़े बकायेदारों के कनेक्शन भी काटे गये थे लेकिन अभी तक उन बकायेदारों ने विद्युत कनेक्शन नहीं जुडवा है। लॉकडाउन की स्थिति मे अब वह मौज काट रहे है। अधिकारी देखने नहीं जा रहे है। जिस कारण वह लोग कटिया डालकर जमकर लाइट का इस्तेमाल कर रहे है।।
बरेली से कपिल यादव