बरेली। जिला पंचायत सदस्यों को प्रमाण पत्र मिलते ही अध्यक्ष पद की दावेदारी तेज हो चुकी है। भाजपा और सपा ने दावेदारी की है। वह सदस्यों से संपर्क भी साधने लगे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा जमाने के लिए जोर आजमाइश तेज हो चुकी है। सपा व भाजपा मे अभी तय नहीं हुआ है कि कौन चुनाव लड़ेगा। जिला पंचायत अध्यक्ष पद चुनाव के लिए शासन स्तर से तारीख तय होनी है। जून महीेने मे अध्यक्ष पद का चुनाव होने की संभावना जताई जा रही है। जिसको लेकर सपा-भाजपा के दिग्गत नेताओं ने आगामी विधानसभा का सेमीफाइनल मानते हुए अध्यक्ष पद कब्जाने के लिए निर्दलीयों को साधने के साथ ही अपने सदस्यों को दूसरे पाले में जाने से बचाने के लिए रणनीति तैयार करनी शुरू कर दी है। पंचायत चुनाव में 60 सीटों में से सपा को 23 सीटें मिलने के बाद सपा नेता बहुमत के करीब पहुंचने का दावा करते देखे जा रहे है। भाजपा 13 सीटे पाकर भी अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने दावेदार को बैठाने की जुगत में लगी हुई है। सपा खेमे में सदस्यों को लेकर जबरदस्त उत्साह है। अपने सदस्यों को दूसरे पाले में जाने से बचाने को हर दिन बैठके कर रणनीति तैयार की जा रही है। सत्तारूढ़ भाजपा को 13 सीटें हासिल हुई है। जबकि निर्दलीयों को 14 सीटों मिली है। दोनों की पार्टी के नेता निर्दलीयों के सहारे अध्यक्ष पद की कुर्सी कब्जाने की जुगत लगाने में लगे हुए है। निर्दलीयों को साधने के साथ ही सदस्यों को अपने पक्ष में वोटिंग कराने के लिए जोड़तोड़ की राजनीति भी शुरू हो गयी है। अध्यक्ष पद की कुर्सी के लिए सपा पूरी तरह से निश्चिंत होकर निर्दलीयों को साधने के साथ ही अपने सदस्यों के साथ हर दिन वार्ता कर रणनीति में जुटी हुई है। सपा नेताओं के मुताविक वह वहुमत के करीब पहुंच चुके हैं। बस उनको शासन से अध्यक्ष पद केलिए तारीख तय होने का इंतजार है। भाजपा को 13 सीटों से 31 तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। यदि निर्दलीयों का भी साथ हो जाएग फिर भी भाजपा को बहुमत से काफी दूर रहना पड़ सकता है।।
बरेली से कपिल यादव