सुमेरपुर/हमीरपुर- ग्राम पंचायतों में विकास के नाम पर हो रही बन्दर बांट के आए दिल खुलासे होते रहते है लेकिन दोषियों को सजा कभी नही दीजाती है। इसी प्रकार का एक घोटाला विकासखंड सुमेरपुर का सामने आया है जहां मनरेगा योजना अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के मजदूरी का पैसा विकासखंड सुमेरपुर में कार्यरत मनरेगा कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक कुमार द्वारा लाभार्थियों श्रमिकों के नाम में बैंक खातों को परिवर्तित कर अपने स्वयं एवं अपनी पत्नी के खाते में डालकर श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी करते हुए घोर वित्तीय अनियमितताएं की हैं। इस बात की शिकायत राजेश कुमार पुत्र विंदा प्रसाद ग्राम पंचायत बरखेड़ा विकासखंड सुमेरपुर द्वारा उपयुक्त श्रम रोजगार हमीरपुर के यहां तथा मुख्यमंत्री को संबोधित आर जी आर एस के अन्तर्गत शिकायत दर्ज की गई है। उन्होंने अपने शिकायती पत्र में बताया है कि कंप्यूटर संविदा कर्मी दीपक कुमार द्वारा प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थियों के मजदूरी का पैसा अनियमित तरीके से खाता परिवर्तन करके अर्थात मास्टर रोल में अंकित लाभार्थी मजदूरों के नाम जिन्होनें मजदूरी की थी उनके बैंक खाता के स्थान पर धोखाधड़ी एवं अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने स्वयं के खाता संख्या 50373633673 इंडियन बैंक शाखा सुमेरपुर और अपनी पत्नी आकांक्षा वर्मा खाता संख्या 50 30 50 84008 इंडियन बैंक में हस्तांतरित कर लिया गया जो धोखाधड़ी के साथ-साथ गंभीर अनियमितता है जिन मे से कुछ का विवरण पृथक पृथक गांव के पृथक पृथक लाभार्थियों का इस प्रकार है।
ग्राम पंचायत बरखेड़ा लाभार्थी का नाम केशकली जाब कार्ड संख्या 409 खाता संख्या 50373633673 (दीपक) धनराशि 2814.
ग्राम पंचायत मौहर लाभार्थी फूल सिंह जाब कार्ड न0214 खाता संख्या 50373633673 (दीपक) धनराशि 2814.
ग्राम पंचायत देवगांव लाभार्थी का नाम सुनैना जाब कार्ड 428 खाता संख्या50373633673 दीपक धनराशि 1418
ग्राम पंचायत बरदाहा सहजना लाभार्थी गीता जाब कार्ड न0 506 खाता संख्या 50305048008 आकांक्षा वर्मा धनराशि 2814 आदि अनेक लोगों के साथ धोखाधड़ी की गयी है जिस के सम्बन्ध में
खंड विकास अधिकारी ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर तीन दिवस के भीतर जांच प्रस्तुत करने का आदेश किया है जांच समिति में विकास अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी, जगदंबा प्रसाद सहायक विकास अधिकारी (आई0एस0बी) राम सजीवन लेखा सहायक मनरेगा पर को जांच समिति में बैठाया गया है और उन्हें आदेश दिया गया है कि तीन दिवस के अंदर शिकायतकर्ता द्वारा शिकायती पत्र में लिखे गए बिंदुओं से संबंधित समस्त बिंदुओं पर अभिलेखी जांच कर शिकायतकर्ता के बयानों साक्ष सहित तीन दिवस के अंदर संयुक्त जांच आंख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें ताकि शिकायत पोर्टल पर समय अपलोड की जा सके। अब देखना होगा कि सरकारी धन की लूट का यह मामला कब तक निस्तारित होकर दोषी को सजा दी जाती है बताते चले कि उपर्युक्त दीपक कुमार कम्प्यूटर आपरेटर मौदहा विकास खंड के छिमौली ग्राम पंचायत में हुए आवास घोटाले का भी दोषी है।