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आपदा प्रबन्धन सीखकर बड़े नुकसान को किया जा सकता है कमः एडीएम

* मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत डीएवी कालेज में दिया गया प्रशिक्षण

* फायर विभाग ने माॅक ड्रिल के माध्यम से सिखाया आग बुझाना व रेस्क्यू करना

* बड़ी संख्या में छात्रों ने लिया प्रशिक्षण

मुजफ्फरनगर- मुजफ्फरनगर में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गजेन्द्र सिंह ने कहा कि आपदा प्रबन्धन को सीखकर आपदाओं के दौरान होने वाली बड़ी हानि को कम किया जा सकता है। यह ऐसा विषय है, जो बेहद रौचक है और अपने लिए तथा अपने समाज के लिए इस प्रशिक्षण को लिया जाना बेहद आवश्यक है।
एडीएम गजेन्द्र सिंह डीएवी इंटर कालेज मुजफ्फरनगर चल रही मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत आपदा प्रबन्धन की ट्रेनिंग कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन की ट्रेनिंग को लेकर अक्सर बच्चों के मन में यह होता है कि यह ट्रेनिंग हमें क्यों दी जा रही है और हम इसका क्या करेंगे। परन्तु ऐसे कई उदाहरण है कि जब कभी आपदा आई है, तो स्कूल के अध्यापकों व बच्चों को पता नहीं था कि उन्हें क्या करना है। इसके अलावा आपदा के कई ऐसे प्रारूप हैं, जिसका हमें किसी न किसी तरीके से उनका सामना करना पड़ता है। इसलिए आपदा प्रबन्धन ऐसी प्रक्रिया है, जो प्रशासनिक या स्कूल की प्रक्रिया न होकर समाज से जुड़ी हुई है। समाज में हर समय आपदा प्रबन्धन की आवश्यकता होती है,क्योंकि आपदा जब आती है, तो बताकर नहीं आती है, ऐसे में यदि हमें आपदा प्रबन्धन आता है, तो हम बड़े नुकसान को कम कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्कूल सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जनपद के 50 विद्यालयों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिनमें से 35 विद्यालय बेसिक व माध्यमिक शिक्षा के हैं, जबकि 15 इंटर कालेज हैं। 11 दिसम्बर से यह कार्यक्रम शुरू किया गया था, जिसमें 13 मास्टर ट्रेनरों द्वारा विद्यालयों में आपदा प्रबन्धन की ट्रेनिंग दी जा रही है और 19 दिसम्बर को इस कार्यक्रम का समापन हो रहा है। इस कार्यक्रम में फायर विभाग व स्वास्थ्य विभाग द्वारा माॅकड्रिल करके दिखाई जाती है कि कैसे आपदा के समय हमें कार्य करना है।
एफएसओ आरके यादव ने कार्यक्रम में बच्चों को आग के विषय में गंभीरता से समझाते हुए कहा कि आग लगने व आग बुझ़ाने में फायर ट्राईएंगल का महत्वपूर्ण रोल होता है। आॅक्सीजन, ताप व ईंधन का जब पारस्परिक सम्पर्क होता है, तो आग लगती है यदि इस ट्राईएंगल को तोड़ दिया जाये तो आग बुझ जाती है। उन्हांेने मौके पर बच्चों को फायर एक्सटिंगविशुअर के माध्यम से आग बुझाकर दिखाया। इसके बाद सिलेंडर में लगी आग को उंगली के माध्यम से, पानी के कपड़े से व बाल्टी से बुझाकर दिखाया। आरके यादव द्वारा आपदा के दौरान घायलों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है, इसको भी माॅकड्रिल के माध्यम से सिखाया।
आपदा प्रबन्धन की मास्टर ट्रेनर शीजा खानम द्वारा बच्चों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं के बारे में विस्तार से समझाया गया। इस दौरान आग, भूकम्प, वज्रपात, शीतलहर, लू लहर, बाढ़, सर्पदंश, डूबना, सड़क दुर्घटना समेत विभिन्न आपदाओं के बारे में समझाया गया। आपदा आने से पूर्व क्या करना चाहिए, आपदा के समय क्या करना चाहिए और आपदा के बाद क्या करना चाहिए इन सभी बिन्दुओं पर भी विस्तार से चर्चा की गयी।
डीएवी कालेज के प्रधानाचार्य सुनील कुमार शर्मा ने बच्चों का आह्वान किया कि वह आपदा प्रबन्धन को अपने जीवन में भली-भांति उतार लें और इतना नहीं जो कुछ यहां सीखा गया है, उसे दूसरों को भी सिखाये, ताकि समाज आपदा प्रबन्धन को लेकर जागरूकता फैल सके। उन्होंने कार्यक्रम में पहुंचे सभी लोगों का अभिवादन किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में कालेज के अध्यापक अब्दुल सत्तार समेत सभी शिक्षकों को महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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