योगी सरकार का फरमान:अब सादे कागज पर नहीं मिलेगा अवकाश

लखनऊ- सरकारी कर्मचारी अवकाश के लिए आॅनलाइन आवेदन करेंगे।प्रदेश भर के सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मचारियों को अब सादे कागज पर लिखे गए प्रार्थना-पत्र से अवकाश नहीं मिलेगा। उन्हें इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यह आवेदन भी अवकाश पर जाने से 3 दिन पूर्व करना अनिवार्य है। आवेदन स्वीकार होगा कि नहीं, इसकी जानकारी भी कर्मचारी को अधिकारी ऑनलाइन ही देंगे।

राज्य सरकार ने कर्मचारियों के अवकाश के लिए नई व्यवस्था लागू की है। इसके लिए आईटी विभाग ने लीव मॉड्यूल तैयार किया है। यह तीन ग्रुप में है। इसी ग्रुप में कर्मचारी को अपने ग्रुप या अवकाश की छंटनी करके अवकाश लेने से पहले आवेदन अपने विभागाध्यक्ष को करना होगा। इस ऑनलाइन की प्रति मुख्यालय जाएगी। प्रदेश में पहले चरण में प्रायोगिक तौर पर यह योजना 17 अप्रैल से शुरू कर दी और 21 मई से इसे पूरी तरह से लागू किया जाएगा। इसके आदेश सभी विभागों में सरकार की ओर से जारी किए गए हैं। राजकीय मामलों की सफल क्रियान्विति करवाने में देशभर में प्रदेश का सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग अव्वल है। इसी कारण सरकारी कार्यालयों में ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई है।

सबसे अधिक शिक्षा विभाग में होगा फायदा, गुरुजी जांच नहीं होने पर फाड़ देते थे प्रार्थना-पत्र

लीव मॉड्यूल नाम से नया सॉफ्टवेयर बनवाया

सरकारी कर्मचारियों के लिए अवकाश लेने के लिए राजकाज पोर्टल पर लीव मॉड्यूल नाम से नया सॉफ्टवेयर बनवाया गया है। इस पर कर्मचारी को अपने विभाग की जानकारी, किस पद पर कार्यरत हैं, कब से कब तक अवकाश लेना है, अवकाश लेने का कारण इसमें अंकित करना होगा। ऑनलाइन आवेदन के लिए ई-ऑफिस मॉड्यूल पर लॉगिंग कर एप्लीकेशन को सलेक्ट किया जाएगा। इसमें कर्मचारी का फंक्शन पर क्लिक करते ही लीव का ऑप्शन आएगा। इसमें मैनेज लीव के साथ अपना पदनाम क्रम संख्या को सलेक्ट करना होगा। इसमें अवकाश संबंधित प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसमें यदि त्रुटि रह गई तो यह फाॅर्म अपलोड नहीं होगा।

अवकाश की देनी होगी जानकारी

कर्मचारी या अधिकारी को अवकाश के प्रकार (सीएल, एचपीएल, एचक्यूएल, पीएल, आरएच या एसएल) का चयन कर उसे भरना होगा। इसे अपलोड करते ही रिपोर्ट आ जाएगी। इसमें कितने दिनों का अवकाश चाहिए। इसकी जानकारी इसमें भरी जाएगी। मॉड्यूल को हर विभाग के मुख्यालय स्तर पर बैठे अधिकारी देख सकेंगे। यह भी देख सकेंगे कि किस विभाग में किस अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश दिया गया है। इसका सबसे अधिक फायदा शिक्षा विभाग में होगा। अब तक कई जगह जांच में सामने आया कि शिक्षक अवकाश लेने के लिए आवेदन कर देते हैं, लेकिन इसकी जांच नहीं होती है तो प्रार्थना-पत्र फाड़ दिया जाता है। इस पर अंकुश लग सकेगा।
पहले चरण में यह व्यवस्था प्रधान कार्यालयों व जहां उपायुक्त बैठते हैं, वहां के अधिकारियों व कर्मचारियों पर लागू होगी। 21 मई से प्रदेश के हर कर्मचारी व विभाग में लागू हो जाएगी। इसके लिए कर्मचारी अपनी एसएसओ आईडी से लॉग इन करेंगे।

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