दिल्ली-मोदी सरकार के अब इस नये फरमान से विरोध और तेज होने लगा है । मोदी सरकार ने लगाया भगवान के प्रसाद पर भी जीएसटी जिसके चलते देना पड़ा दो करोड़ का टैक्स।अब लंगर खिलाने वालो में नाराजगी के साथ विरोध की उठने लगी आवाजें।
जानकारी के अनुसार अब देश के हर गुरुद्वारे के लंगर पर भी जीएसटी लगाई जा रही है।जिसे लेकर सिख समाज ने रोष जताया है और केंद्र सरकार के प्रति अपना विरोध जताया है।सिख समाज के प्रसिद्ध गुरुद्वारा अमृतसर स्थित प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की बात करे तो वहां के गुरुद्वारा प्रशासन द्वारा बताया गया कि लगभग 2 करोड़ रुपये जीएसटी देना पड़ा है। हमें 1 जुलाई 2017 से 31 जनवरी 2018 तक स्वर्ण मंदिर में लंगर के लिए विभिन्न सामग्रियों को खरीदने में 2 करोड़ रुपये बतौर जीएसटी चुकाने पड़े।
स्वर्ण मंदिर में लगभग हर रोज 50 हजार लोग भोजन करते है वही विशेष अवसरों पर यह संख्या एक लाख तक पहुच जाती है।।यह विश्व के बड़े भोजनालयो में से एक है जहां एक साथ मुफ्त में शाकाहारी भोजन करवाया जाता है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिख कर इसमें संसोधन की मांग की थी।वही लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधन ने भी मोर्चा खोल दिया है।लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द ही लंगर पर लगाए गए जीएसटी के आदेश को वापस लें।