गृह विभाग की संतुति पर पुलिस ने गबन की केस अब राज्य आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा

सहदेई बुजुर्ग-प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सहदेई बुजुर्ग के लिपिक द्वारा 29 लाख 34 हजार रुपये के गबन को लेकर वर्ष 2016 में सहदेई बुजुर्ग ओपी में दर्ज प्राथमिकी को बिहार सरकार के गृह विभाग के आदेश पर सहदेई बुजुर्ग ओपी की पुलिस ने राज्य की आर्थिक अपराध इकाई को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार सहदेई बुजुर्ग ओपी की पुलिस ने बिहार सरकार के गृह विभाग के निर्देश पर शुक्रवार को आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधिकारी अनिल कुमार को 29 लाख 34 हजार रुपये गबन को लेकर दर्ज प्राथमिकी सौंप दिया।यहां यह उल्लेखनीय है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत यक्ष्मा प्रावैधिक अवधेशब कुमार जो पीएचसी में लेखा का कार्य करता था के विरुद्ध तत्कालीन प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजित कुमार तिवारी ने 29 लाख 34 हजार रुपये गबन की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।प्राथमिकी में कहा गया था कि बिहार के महालेखाकार पटना ने 16 मई 2016 को पत्र भेजकर अपने जांच प्रतिवेदन में इस राशि गबन की बात कही थी।प्राथमिकी में कहा गया था कि सहदेई बुजुर्ग पीएचसी के कर्मियों के जीपीएफ एवं बकाया वेतन की राशि 29 लाख 34 हजार रुपये की निकाशी जाली कागजात पर कर ली और उसे कर्मियों के खाता में नही डालकर अपने निजी बैंक खाता में डाल लिया था।आरोपी लेखा लिपिक से जबाब मांगा गया लेकिन कोई जबाब नही दिया।इस मामले को लेकर वर्ष 2016 में 26 जुलाई को प्राथमिकी संख्या 16/16दर्ज किया गया था।
साथ ही इस प्राथमिकी में यह भी कहा गया था कि मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी हाजीपुर के निर्देश पर जांचोपरांत 11 लाख रुपये गबन को लेकर 14 जनवरी 2016 प्राथमिकी संख्या 08/16 दर्ज कराई गई थी।
आर्थिक अपराध इकाई को यह दो साल पुराना मामला सोंपे जाने के बाद लोगों को उम्मीद है कि गबन के दोषी को जल्द सजा मिलेगी।
-रत्नेश कुमार,वैशाली बिहार

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