नशे से जूझ रहा आज का हमारा युवा भारत

वर्तमान समय में भारत संपूर्ण विश्व में सबसे युवा आबादी वाला देश है ! इसकी 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 वर्ष से कम उम्र की है , यह बात कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी कि इतने युवावों वाला देश देश की प्रगति के लिए सबसे महत्वपूर्ण है , और इसी युवा शक्ति के बलबूते पर वर्ष 2021 में भारत दुनिया की “आर्थिक महाशक्ति” बनना चाहता है!
लेकिन जिस युवा पीढ़ी के बल पर भारत विकास के पथ पर प्रगतिशील होने का दंभ भर रहा है , उस युवा पीढ़ी में नशे की सेंध लग रही है, जो दिन पर दिन युवा पीढ़ी में अपने पैर पसार रहा है , और युवा नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं , जो अत्यंत ही चिंता का विषय है ! युवाओं में नशा अब इस कदर हावी हो रहा है कि नशा मौज मस्ती का नहीं अपितु आज की युवा पीढ़ी के लिए आवश्यक बन गया है !

युवाओं में नशा सिर्फ सिगरेट व शराब सीमित नहीं रहा बल्कि वर्तमान समय में कोकीन, हीरोइन, गांजा, चरस ,नशीली, दवाइयां आदि का नशा युवाओं को तेजी अपनी गिरफ्त में ले रहा है ! अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो देश में 50 लाख युवा हीरोइन जैसे नशे के आदी हैं हीरोइन की तरह युवाओं में नशीली दवाइयों का सेवन भी नशे के रूप में तेजी से बढ़ रहा है ! भारतीय राष्ट्रीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट की मानें तो भारत की आबादी का बहुत बड़ा हिस्सा 1 करोड़ 7लाख लोग नशीली दवाइयों का सेवन ही नहीं करते हैं बल्कि इसके पूर्णता आदी हो चुके हैं , इसमें पंजाब, असम ,उत्तर प्रदेश, समेत कई राज्य में बड़ी संख्या में लोग आदी है! नशे के मामले पंजाब बेहद ही संवेदन शील राज्य है जहां 67 प्रतिशत लोग किसी न किसी प्रकार का नशा करते हैं, और एक रिपोर्ट मुताबिक 70% युवा नशे में आती हैं ! भांग का नशा करने वालों की संख्या भी भारत में बहुत अधिक है देश में लगभग 90 से 95 लाख लोग भांग का रोज सेवन करते हैं !
भारत में नशे का कारोबार बहुत ही बड़ा है और यह दिन पे दिन एक विकराल रुप धारण करता जा रहा है और उसका मुख्य केंद्र पंजाब , क्योंकि भारत पाकिस्तान की सीमा से जुड़े होने के चलते पंजाब के रास्ते नशीले पदार्थों की तस्करी खूब होती है बल्कि पंजाब ही नहीं बांग्लादेश, नेपाल ,और म्यांमार के राज्य काफी मात्रा में नशीले पदार्थों का दवाई भारत में आती हैं ! एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत में नशीली दवाओं की तस्करी में पिछले 3 सालों में 5 गुना की वृद्धि हुई है! राज्यों की बात करें तो इस मामले में पंजाब पहले नंबर पर हैं।
ड्रग्स पर तो यहां चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं जिसके अनुसार पंजाब में अकेले 20 करोड रूपए प्रतिदिन खर्च होते हैं यदि नई विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार तंबाकू के प्रयोग के कारण दुनिया भर में 65लाख लोग प्रतिवर्ष अपनी जान गंवाते हैं इसमें से 9 लाख मौतें तो केवल भारत में ही होते हैं ! प्रतिदिन हमारे देश के 2500 व्यक्ति तमाखू की वजह से मृत्यु का शिकार होते हैं , वही शराब भी प्रतिवर्ष लाखों लोगों को मौत बनकर लील जाती है इसके अतिरिक्त नशे में समाजिक सरोकार भी काम नकारात्मक नहीं है ! यहां एक और नशा दीमक की तरह युवाओं की जवानी को चाट जाता है वहीं दूसरी और एक सामाजिक सुरक्षा और विकास के लिए भी बहुत बड़ा खतरा है , इसी प्रकार नशा कई तरह से देश को नुकसान पहुंचा रहा है ! अतः सरकार को अपने राजस्व लालच को छोड़कर नशे के खिलाफ गंभीर कदम उठाने चाहिए।

धर्मेन्द्र कुमार कन्नौजिया

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