क्षेत्रहित को सर्वस्व मानते हैं गोकुल नेगी: पूरा शहरी ज़ीवन जीने वालों के लिए हैं नजीर

*नि:स्वार्थ भाव व गैर राजनीतिक रूप से काम करने का जज्बा रखते हैं।

उत्तराखंड/रिखणीखाल – अपने क्षेत्र की बदहाली व तंत्र की नीतियों ने गांव से पूरे ब्लाक तक के विकास के लिए स्वयं सामाजिक संगठनों के माध्यम से विगत कुछ वर्षों से लगातार सक्रिय ग्राम चौकड़ी, रिखणीखाल निवासी गोकुल नेगी को पूरे विकास खंड की जनता अंतर्मन् से जानती है। क्षेत्र हित के लिए उनकी शुरुआत अपने गांव के लोगों से मिलकर उसे ब्लाक स्तरीय बनाया। प्रतिवर्ष वालीवाल क्रीड़ा प्रतियोगिता आयोजित करने से क्षेत्र के प्रति रुचि बढ़ी।

“रिखणीखाल ब्लॉक विकास जागृति समिति” जिसका गठन वर्ष 2016 के सितम्बर माह दिल्ली में ग्राम, चौकडी, इड़िया कोट मल्ला निवासी गोकुल सिंह नेगी ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया, गोकुल नेगी पेशे से ग्राफिक डिजाइनर हैं और कई वर्षों से दिल्ली और उत्तराखंड में सामाजिक कार्यों में बढ़ – चढ़ के हिस्सा लेते रहे हैं, साथ ही उत्तराखड के मंदिरों से भी गहन जुड़ाव रखे हुए हैं।
गोकुल नेगी ने सदैव अपनों के लिए समय की कभी परवाह न कि 1985 में उन्होंने दिल्ली के कॉलेज ऑफ आर्ट्स से व्यावसायिक कला में डिग्री प्राप्त की, और अपना ही व्यवसाय इसी क्षेत्र में कर कई नए लोगों को भी अपनी विधा में निपुण कराने का काम किया।

आज उनकी समिति इतने कम समय में ही अपने क्षेत्र में बहुत से कार्य कर चुकी है। स्वास्थ्य के लिए इनमें से 62 निशुल्क स्वास्थ्य शिविर (हंस फाउंडेशन की सम्पूर्ण टीम द्वारा) जो कि दूरस्थ क्षेत्र में लगे जिसमें दस हज़ार के लगभग क्षेत्रीय लोगों को निशुल्क दवाईयां, चश्मे, सुगर टेस्ट इत्यादि सेवायें दी गयी।

शिक्षा के लिए सामान्य ज्ञान प्रतियोगिताओं का आयोजन भी समय समय पर विद्यालयों में इंटर कॉलेज स्तर पर करवा चुके हैं।

इसी संदर्भ में रिखणीखाल ब्लॉक जो सम्पूर्ण उत्तराखंड ही नहीं भारत वर्ष में बॉलीबाल के लिए विख्यात था जो किन्हीं कारणों से अब पीछे रह गया उसके पुनरुत्थान हेतु ” रिखणीखाल बॉलीबाल टूर्नामेंट ” का आयोजन वर्ष 2016 से करुणामयी माताश्री मंगला जी के जन्मोत्सव पर ही शुरू किया गया था जो प्रति वर्ष से अनवरत् होता आ रहा है जिससे क्षेत्रीय खिलाड़ियों का मनोबल तो बढ़ा ही साथ में पलायन कर चुके कई खिलाड़ी कुछ दिनों के लिए अपने घर वापस आये, इस तरह से उन्होंने क्षेत्रीय लोगों को एकरूपता में लाने हेतु व आपसी सामंजस्य खेल, शिक्षा व क्रीड़ा प्रतियोगिता के रूप में शुरुआत की ।

भविष्य में उनका उद्देश्य, शिक्षा, स्वास्थ्य और क्षेत्रीय जागरुकता को लेकर आगे बढ़ते रहने का है, समय जितना भी लगे वो पीछे हटने वाले नहीं यह उनका अटल विश्वास बयां करता है और उनकी टीम के सदस्यों का
कहना है,कि उनकी सतत् आशा,श्रद्धा , अटूट विश्वास व आस्थावादी प्रयास से वो कई लोगों को अपनी माटी – पाणी से जोड़ रहे हैं और साथ ही उनको अपनों की मदद के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।

इस विभीषिका काल वैश्विक महामारी COVID-19 में भी वो हँस फाउंडेशन के ऑपरेशन नमस्ते के तहत लगभग 5,000 परिवारों को खाद्यान्न सामग्री वितरित करवा चुके हैं जो अभी भी अविरल रिखणीखाल ब्लॉक में 109 क्वारन्टीन सेंटरों को खाद्यान्न सामग्री इत्यादि सेवा देकर निर्बाधपूर्वक गतिशील व सफल संचालन हो रहा है।
ऐसे निस्वार्थ सेवा भाव लिए गोकुल नेगी आज पूरे रिखणीखाल के जनप्रतिनिधियों के लिए आदर्श हैं और दांव-पेंच ,हार जीत,नुक्ता- चीनी,टांग – खिंचाई, निजी स्वार्थों के लिए राजनीतिक दबाव बनाने वालों को आइना दिखाने का काम एक सच्चा साधक व मातृभूमि , जन्मभूमि का दुलारा ही कर सकता है।।

– बिनीता ध्यानी,रिखणीखाल

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