आज भी जंगल राज से मुक्त नहीं हो पाया बिहार

पूर्णिया/बिहार (लेख)- एक वक्त था जब लालू जी और उसके बाद राबड़ी देवी बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे । साल 1990 से 2000 तक तब बिहार को जंगल राज से संबोधित किया जाता था। और सच मने तो हालात भी इसी प्रकार के थे । पूरे राज्य माफिया का राज हुआ करता था ।शाशन व्यवस्था एक दम लचर सिथति में था , लोग चोर , डकैत , बदमाश , गुंडा से हमेशा परेशान रहते थे। चारो तरफ डर का माहौल बना हुआ था। लोग चैन से ना सो पाते थे और ना ही जी पाते थे। भ्रस्टाचार चरम पर थे ।शिक्षा व्यवस्था के नाम पर चरवाहा विद्यालय खुला करते थे । बैकवर्ड , फॉरवर्ड की लड़ाई चलती थी । मतलब पूरे राज्य में आतंक फैला हुआ था । पर धीरे धीरे समय बदल गया चुनाव आये और लोगो ने जदयू की सरकार बनवाई और 2005 में नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बने । और फिर वो विकाश पुरुष के नाम से प्रचिलित हुए । राजनीत में कुछ भी हो सकता है एक वक्त आया जब वापस नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी से हटकर बीजेपी के खिलाफ महा गठबंधन बनाई और लालू जी की पार्टी राजद के साथ 2015 में फिर से सरकार बनाई और मुख्यमंत्री बने । पर ये सरकार 18 महीने से ज्यादा नही चले और फिर उन्हें बीजेपी का हाथ थामना पड़ा । राजनीति में सत्ता की भूख हर दल को होती है। चाहे राज्य का विकास हो या फिर ना हो।
अभी की जो हालत बिहार में है वो दयनीय और शर्मनाक है। चाहे वो मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम का मामला हो या फिर सृजन घोटाला का ,टॉपर घोटाला हो या फिर , प्रशानिक चूक की , अब बात वैसी नही रही । पूरे राज्य में लूट , अपहरण , फिरौती , बलात्कार की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही हैं
बिहार के भोजपुर ज़िले के बिहिया शहर में भीड़ के एक महिला को निर्वस्त्र कर घंटों घुमाने का मामला सामने आया है. पुलिस के मुताबिक भीड़ को इस महिला पर 19 साल के एक युवक की हत्या में शामिल होने का संदेह था.

पुलिस के मुताबिक उग्र भीड़ ने पहले कई घरों और गाड़ियों में आग लगा दी, फिर एक महिला को उसके घर से खींचा, उसे पहले बुरी तरह पीटा और फिर शहर के बीचों-बीच उसे निर्वस्त्र कर घुमाया.

पुलिस ने महिला को किसी तरह भीड़ से छुड़ाया. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है. ज़िले के पुलिस अधीक्षक अवकाश कुमार ने इस मामले में बिहिया थाना प्रभारी समेत कई पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
जरा सोचिए अगर हर दिन इस तरह के घटना सामने आती हो तो हम कैसे कह सकते कि बिहार में कानून का राज है। फिर बात तो वही हो गई जो आज से 15 साल पहले हुआ करता था , ” जंगल राज”।

– पूर्णिया से शिव शंकर सिंह

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