अमृत है गाय का दूध

गाय का दूध उत्तम आहार और स्वास्थ्य के लिए उत्तम।
दवाओं पर लाखों रुपये खर्च में कमी:-
गाय का दूध मधुमेह, हृदय रोग, लकवा, कैंसर, मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं आदि को कम करने में मदद करेगा। सकारात्मक जीवनशैली में बदलाव से तनाव कम होगा और बीमारियों से छुटकारा भी मिलेगा।परन्तु हम सब कुछ जान लेने के बाद भी गौ दुग्ध से दूर है।

गाय का घी ओजोन परत का रक्षक:-
वैज्ञानिको की कसौटी पर खरा पाए जाने वाला गाय का घी स्वास्थ्य के लिए सबसे श्रेष्ठ और बहुत फायदेमंद है।
घी से जलाए गए दिए और हवन से एसीटिलिक एसिड, फॉर्मलाडिहाइड और कई ऐसी गैसों का उत्पादन होता हैं जिससे पर्यावरण को शुद्ध रखने में मदद मिलती हैं।यह अति उपयोगी हैं, ओजोन परत की रक्षा होती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को कम करते हैं।

गो-मूत्र का औषधीय उपयोग:-

गोमूत्र में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटीकैंसर गुण हैं। गोमूत्र का उपयोग औषधि के रूप में की जाती है और यह कई बीमारियों को ठीक करती है। यह अन्य रसायनों के हानिकारक और खतरनाक प्रभावों को कम करने के साथ-साथ दवाओं के उपयोग को कम करने में मदद करता है। गोमूत्र के छिड़काव से घर के आसपास का वातावरण स्वच्छ रहता है। डेंगू, बर्ड फ़्लू, स्वाइन फ़्लू आदि रोग ऐसे घरों के पास कभी दिखाई नहीं देते हैं! *गो-मूत्र जैविक खाद्य पदार्थ के लिए कीटनाशक के रूप में उपयोगी है।
इसके अलावा रासायनिक दवाओं के जहरीले प्रभाव से और मिट्टी की ताकत बढ़ाकर लाखों जीवों की जान बचाता है। उन्होंने बताया कि एक गाय के 8 से 10 लीटर गोमूत्र और 8 से 10 किलोग्राम गोबर रोजाना होती है। पूरे देश की ग्रामीण आबादी को बायोगैस और बिजली प्रदान करने की क्षमता रखती है। ग्रामीण क्षेत्रों में घरेलू उपयोग की गैस के लिए 7 करोड़ मवेशियों की आवश्यकता है; वाहनों के पेट्रोल-डीजल के लिए 4 करोड़ मवेशी, और बिजली पैदा करने के लिए 8 करोड़ मवेशी; आज, हमारे देश में पहले से ही 22 करोड़ से अधिक मवेशी हैं, अन्य जानवर अलग हैं! इन मवेशियों द्वारा उर्वरक की आवश्यकता को भी पूरा किया जा सकता है। देश की कृषि समृद्ध होगी, गांव समृद्ध होंगे, देश समृद्ध होगा, और पर्यावरण की रक्षा होगी, तो विश्व बच जाएगा।

गोबर का उपयोग:-
गाय के गोबर को जैव-उर्वरक के रूप में उपयोग करने से रासायनिक उर्वरक के घातक प्रभावों से बचा जा सकता है। कारखानों से प्रदूषण कम होगा, करोड़ों जीवन स्वस्थ रह सकेंगे, और मिट्टी की नमी पर कोई हानिकारक प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पृथ्वी पर ग्रीन कवर कई पेड़ और वनस्पतियां हरी रहेंगी या भूमि पर छिड़के जाने वाले गोमूत्र से हरी हो जाएंगी। सैकड़ों किसान आत्महत्या करना बंद कर देंगे, अरबों रुपये के डीजल के आयात पर रोक लगेगी और परिणामस्वरूप देश के लिए राजस्व की बचत होगी। गोबर राहत देगा और हानिकारक रसायनों को अवशोषित करके लाखों लोगों की जान बचाएगा। इसीलिए पहले हम घर के आंगन को गोबर से लेपन करते थे। लाखों रुपये के डीजल की बचत के अलावा, खेती की तकनीक और गौवंश से उत्पन्न बायो गैस का उत्पादन करने पर परिवहन से डीजल से धुआं कम होगा और पर्यावरण को स्वच्छ रखने में मदद मिलेगी। साथ ही

प्रोम खाद जिसकी तुलना आप DAP खाद से कर सकते है का भी निर्माण कर कृषि में प्रयोग किया जा सकता है।व लाखों रुपए की बचत होगी।

गौ-रक्षा से पर्यावरण की सुरक्षा:-
गौरक्षा , गोपालन और गौसंवर्धन सबसे अच्छा पर्यावरण का संरक्षण है। गाय एक मोबाइल फ़ार्मेसी, मोबाइल हेल्थ केयर सेंटर, मोबाइल मंदिर-पूजा स्थल है। गाय का दिव्य सार सम्पूर्ण वातावरण को 15-20 मीटर तक शुद्ध और स्वच्छ रखता है। पर्यावरण की शुद्धता के अलावा, यह मन की शांति और पवित्रता को बढ़ावा देता है और में उत्पन्न होने वाले बुरे विचारों, बुरे स्पंदनों को रोकता है। यह कहना असत्य न होगा कि व्यक्तियोमे, परिवार,गावं, समाज और वैश्विक भाईचारे की भावना के वास्तविक अर्थ को साकार करने का वैज्ञानिक गुण गौमाता में है।
परन्तु हम अपनी ही उन्नति के मार्ग में कटीले तार लगा कर स्वंय की आर्थिक स्थिति कमजोर कर रहे है।

आओ पहल करे गौ माता का संवर्धन करने के साथ गौ आधारित उत्पादों का उत्पादन कर स्वंय की आने वाली पीढ़ी के स्वास्थ्य व आर्थिक स्थिति को संरक्षित करे।

– अतुल कृष्ण अवस्थी एडवोकेट

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

किसी भी समाचार से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है।समाचार का पूर्ण उत्तरदायित्व लेखक का ही होगा। विवाद की स्थिति में न्याय क्षेत्र बरेली होगा।