लगातार देश में पत्रकारों पर मुकदमों के प्रकरण बढते जा रहे है।सच का सामना कराने पर या तो पत्रकारों पर मुकदमे दर्ज हो रहे है या उनकी हत्या करा दी जाती है। अभी हाल ही बिहार मे सुदर्शन चैनल के पत्रकार मनीष कुमार सिंह दो दिन से लापता थे दो दिन बाद उनका शव बरामद हुआ।मीडिया रिपोर्टो के अनुसार उनके साथ पहले मारपीट की गई बाद मे उनकी हत्या कर दी गई। उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर नगर मे अश्लील डांस का वीडियो वायरल होने पर उसकी खबर चलाने पर पत्रकारों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया।मध्यप्रदेश में टीकमगढ के पत्रकार डी पी राजपूत पर खबर से बौखलाए लोगो का हमला होना चिंतनीय है।स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि पत्रकार बेखौफ होकर काम करे।
गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों के संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि0) के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने सभी पत्रकारों से एकजुट होकर समस्या का सामना करने का आव्हान किया।संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि पत्रकारों के उत्पीड़न पर सभी पत्रकार एकजुट होकर समस्या का सामना करे फिर चाहे पत्रकार किसी बैनर से जुड़े हो या किसी भी संगठन से।
पत्रकारों का हर संगठन पत्रकारों के साथ अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए संकल्पित होता है।पत्रकारों को अपनी आवाज अपनी कलम के माध्यम से बुलंद करनी चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि हम अपनी आवाज को अपनी कलम के माध्यम से सरकार तक पहुचाएं।जिससे हमारी समस्या और हमारा विरोध उच्च अधिकारियों और सरकार तक पहुंचे और वह उसका समाधान कर दे।सरकार और समाज के बीच पत्रकार एक कडी का काम करता है।लेकिन किसी भी समस्या का समाधान तभी संभव है जब वह समस्या सरकार या उच्च अधिकारियों तक पहुंचे और यह तब होगा जब पत्रकार अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने में सफल होंगे।
इसके लिए जेसीआई सभी पत्रकारो से पुन: अपील करती है कि यदि किसी पीडित पत्रकार की समस्या उनके संज्ञान मे आती है तो प्रमुखता से वह उसे अपने समाचार पत्र पोर्टल व चैनल के माध्यम से उठाये जिससे समस्या जल्द उच्च अधिकारियों के संज्ञान मे पहुंच जाये और उसका समाधान हो जाए। जिससे पत्रकार निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता कर पायें।