आज़मगढ़- सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की विरासत अब उनके पुत्र व सपा मुखिया अखिलेश यादव संभालेंगे। अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ क्षेत्र से चुनाव लड़ने का फैसला किया। इसके साथ ही आजमगढ़ से जहां गठबंधन के प्रत्याशी को लेकर लगाए जा रहे कयासों का दौर खत्म हो गया। वहीं अखिलेश के मैदान में आने के बाद बीजेपी की चुनौती बढ़ गई है। बता दें कि पूर्वांचल की आजमगढ़ संसदीय सीट चुनाव की घोषणा के बाद से ही सर्वाधिक चर्चा में रही। कारण कि यह प्रदेश की वीआईपी सीट में गिनी जाती है। मुलायम सिंह यादव द्वारा आजमगढ़ से मैदान छोड़ने के बाद लगातार अटकलें व चर्चा रहती थी। लेकिन अब इस पर विराम लग गया। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव खुद ही सीट से चुनाव लड़ेंगे। आजमगढ़ लोकसभा सीट में विधानसभा की कुल 5 सीटें हैं। जिसमें तीन सपा और 2 बसपा के पास है। इस आजमगढ़ लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट में बीजेपी की कोई भी सीट नहीं है। इससे उत्साहित सपा के लोग दावा कर रहे हैं कि देश में सबसे बड़ी जीत अखिलेश यादव की होगी। सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने कहा कि जिला इकाई ने पार्टी अध्यक्ष से आग्रह किया था। अब आपका स्वागत है। वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष जयनाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश यादव के यहाँ लड़ने से कोई फायदा नहीं होगा। लोग उनकी साइकिल पंचर कर वापस भेजेंगे। वहीं बीजेपी के नेता रमाकांत यादव ने कहा कि अगर पार्टी का आशीर्वाद मिला तो अखिलेश को बैरंग वापस भेजेंगे। कहा कि बाप बेटे ने आजमगढ़ को चारागाह बना दिया है। जनता के सुख दुःख में कभी शरीक नहीं हुए।
रिपोर्ट:-राकेश वर्मा आजमगढ़