नई दिल्ली- देश के सबसे लोकप्रिय राजनेता और तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजेपयी की अंतिम यात्रा का नजारा कैसा होगा। इसका अंदाजा नही लगाया जा सकता । आम जन का हुजूम अपनी नम आंखों के साथ उनकी अंतिम यात्रा पर उनके साथ चल रहा था भारतीय जनता पार्टी के सबसे कद्दावर नेता, देश में मौजूदा सबसे लोकप्रिया नेताओं में अव्वल, देश के पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की आंतिम यात्रा पार्टी दफ्तर दीन दयाल उपाध्याय मार्ग के करीब दो बजे राष्ट्रीय स्मृति स्थल के लिए निकली थी। बड़े-बड़े नेताओं, सैकड़ों कार्यकर्ताओं और हज़ारों आम जन की भीड़ के बीच माहौल पूरी तरह से ग़म में डूबा हुआ था। पूरे राजकीय सम्मान के साथ अटल बिहारी वाजपेयी के पार्थिव शरीर को बीजेपी मुख्यालय से निकाला गया, सेना के जवान पूर्व प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर एक तोप-गाड़ी (गन-कैरेज) में लेकर आगे-आगे चल रह रहे थे और उसके पीछे सबसे पहले थे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके साथ थे पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और कई राज्यों के मुख्यमंत्री।
शवयात्रा के दौरान अटल के चाहने वाले नारे लगा रहे थे इस यात्रा पर भावुक हुआ जन सैलाब लगातार भारत माता की जय और अटल अमर रहे के नारे लगा रहा था। जब उनके चाहने वाले अपने जन नायक के नाम का नारा लगाते थे तो मानों ये आवाज गगन को छू रही हो ऐसा प्रतीत हो रहा था। सड़क के दोनों किनारे हाथों में गुलाब की पंखुड़ियां लिए अपने जन नायक को अंतिम विदाई दे रहे थे चाहने बाले।
इस अंतिम यात्रा में एक और ऐसा दृश्य था जिसे सदियों तक याद किया जाएगा। इस अंतिम यात्रा में अपनी सुरक्षा और प्रोटोकॉल को तोड़ते हुए देश के मौजूदा प्रधानमंत्री करीब 3 किलोमीटर का सफर पैदल तय किया।