मध्यप्रदेश ,उज्जैन – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आदिवासियों का सम्मान कम नहीं होने दूँगा। आदिवासी नायकों की प्रतिमाएँ स्थापित की जायेंगी। प्रदेश में हर वर्ष आदिवासी दिवस मनाया जायेगा। आदिवासी समाज के विकास पर बजट की 24 प्रतिशत राशि खर्च की जायेगी। आदिवासी क्षेत्रों को बारहमासी सड़कों से जोड़ा जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश को आजादी दिलाने में आदिवासी समाज के नायकों बिरसा मुण्डा, टंटया भील, भीमा नायक, खाजया नायक, राणा पूजा भील, शंकर शाह, रानी दुर्गावती जैसे महानायकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिये अंग्रेजों का डटकर मुकाबला किया था। इन्हीं की वजह से आज हम स्वतत्र हैं। मैं ऐसे महापुरूषों को प्रणाम करता हूँ। उन्होंने बताया कि वनाधिकार अधिनियम में प्रदेश के 2 लाख 24 हजार वनवासी भाईयों को भू-अधिकार पत्र दिये गये हैं। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के छात्र-छात्राओं को आईआईटी, इंजीनियरिंग, पीएमटी और पीएटी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिये हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग के गरीब छात्र-छात्राओं की उच्च शिक्षा की फीस भी राज्य सरकार भरेगी, उनके माता-पिता को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 136 विशिष्ट आदिवासी आवासी विद्यालयों का केन्द्रीय नवोदय विद्यालय की तर्ज पर उन्नयन करने का आश्वासन दिया।
श्री चौहान ने कहा है कि आदिवासी क्षेत्रों में 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने आदिवासी समुदाय से आग्रह किया कि खेती की उन्नत तकनीक अपनाकर उत्पादन बढ़ायें, खेती को लाभ का धंधा बनाने की कोशिश करें, राज्य सरकार हरसंभव मदद करेगी। श्री चौहान ने आदिवासी क्षेत्र के 500 की आबादी वाले गाँवो में साफ पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करवाने का आश्वासन दिया है।
दुर्गप्रसाद सूर्यवंशी , नलखेडा