शादी में भाजपा नेताओं को न्यौता पडा भारी बसपा ने किया निष्कासित:कहा बसपा भुगतेगी अब परिणाम

*उत्तराखंड में बसपा से बड़ा हाजी सहजाद का कद

*बसपा को आने वाले लोकसभा व विधान सभा चुनाव में भुगतना होगा अन्जाम
रुड़की/हरिद्वार- बसपा पार्टी के द्वारा तीसरी बार हाजी सहजाद को पार्टी में लेकर ओर महज चंद दिनों में बाहर का रास्ता महज शादी समारोह व सामाजिक प्रोग्राम में भाजपा सरकार व दूसरे पार्टी नेताओं का आना इतना नागवार गुजरा की पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल बताकर एक साजिश के तहत पार्टी से निकालने का निर्णय ले लिया गया जबकि हाजी सहजाद ने पहली बार बसपा के टिकट पर 2002 में बहादराबाद से जनपद के दो दिग्गज नेताओं पूर्व मंत्री रामसिंह सैनी व पृथ्वी सिंह विकसित को धूल चटाकर बसपा का परचम लहराकर दूसरी बार भी वही से विजय हासिल कर विरोधियों के मुँह पर तमाचा मारने का काम किया और जिले की आधा दर्जन से ज्यादा सीट पर बसपा पार्टी के प्रत्याशियों को विजय दिलाने का कीर्तिमान स्थापित किया यही विजय रथ को नही रुकने दिया उन्होंने अपनी राजनीति की सूझ बूझ से बसपा का जिला पंचायत अध्यक्ष एक ऐसे व्यक्ति की पत्नी रमेशो कश्यप को बनाया जो महज हरिद्वार में एक होटल चलाकर अपने आपको बसपा का रणनीतिकार बनता था ओर बसपा पार्टी को मजबूत करने के लिये दिनरात मेहनत कर प्रदेश में अग्रणीय भूमिका में बसपा को खड़ा करने का श्रय भी उनको ही प्राप्त है जबसे बसपा पार्टी की कमान चापलूसों और जन आधार वहिंन लोगो के हाथों में गयी बसपा को नुकसान ही नही हुआ बल्कि प्रदेश की राजनीति से आपसी गुटबन्दी के कारण बसपा पार्टी विलुप्त होती चली गयी बसपा में प्रभारी से लेकर मेम्बर तक या तो बाहरी प्रान्तों से बनाये गए है या फिर इस तरह के लोगो को प्रदेश महासचिव व जिला अध्यक्ष पद पर विराजमान किया जाता रहा जो आज तक कभी ग्राम सभा की सदस्य पद का चुनाव भी नही जीत पाए अब ऐसे लोगो के भरोसे बसपा सुप्रीमो मिशन 2019 फतह करना चाह रही है यही कारण है इन चापलूसी करने वाले बसपाइयों को जनाधार वाले नेता खलते है क्योंकि धरातल पर काम नही करना चाहते और इनके पास कोई जनता में जमीन नही बस गुटबाजी को हवा देकर अपनी जेब भर कर पार्टी को गिरवी रखना इन्होंने अपना कर्म समझ लिया है यही कारण है कि पूर्व विधायक हाजी सहजाद को ये लोग पचा नही पा रहे हैं क्योंकि इन जनाधार वहिंन लोगो की दुकान बंद हो जाती है ओर बसपा संगठन का एक धड़ा जानबूझ कर मुस्लिम व दलित विरोधी गतिविधियों को अंजाम देकर बसपा को कमजोर करने पर तुला है जिसका नुकसान बहुजन समाज पार्टी को आगामी लोक सभा चुनाव व 2022 के विधान सभा चुनाव में लाजमी भुगतना पड़ेगा।

-सुनील चौधरी देहरादून

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