- चमकी के लक्षण व बचाव के उपाय बताए गए
- एईएस/ जेई से निपटने को तैयार है स्वास्थ्य विभाग
- अंधविश्वास में समय बर्बाद न करें, तुरंत सरकारी अस्पताल ले आयें
मोतिहारी/बिहार- एईएस/जेइ के मामलों में रोकथाम को लेकर गुरुवार को मोतिहारी अनुमंडल स्थित नगर भवन सभागार में विकास मित्र व वार्ड पार्षदों के साथ स्वास्थ्य विभाग की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी सदर, सुबोध कुमार, यूनिसेफ के प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने मौके पर अपने संबोधन में उपस्थित लोगों को चमकी के लक्षण व उससे बचाव के उपाय व इलाज व्यवस्था की जानकारी देते हुए जागरूक किया। प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी सदर सुबोध कुमार ने बताया कि चमकी के ज़्यादातर मामले गर्मियों के महीनों में देखने को मिलते हैं। बच्चे के माता- पिता चमकी के लक्षण जानकर सही समय पर इलाज कराकर बच्चों को सुरक्षित रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि लगातार तेज बुखार रहना, बदन में लगातार ऐंठन होना, दांत पर दांत दबाए रहना, सुस्ती चढ़ना, कमजोरी की वजह से बेहोशी आना, चिउटी काटने पर भी शरीर में कोई गतिविधि या हरकत न होना ये सभी चमकी के लक्षण हैं। इससे बचाव को बच्चों को रात में खाली पेट न रखने, साफ सफाई का ध्यान देने तथा सतर्कता बरतने की बात कही।
अंधविश्वास में समय बर्बाद न करें, तुरंत सरकारी अस्पताल ले आयें:
एसएमसी यूनिसेफ जिला प्रतिनिधि डॉ धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि चमकी के मामलों में पहले दो घंटे ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। अतः अंधविश्वास में ओझा के चक्कर में समय बर्बाद न करें। तुरंत सरकारी या निजी वाहनों का प्रयोग कर सरकारी अस्पताल ले आयें ।
चमकी से बचने के लिए चौपाल का करें आयोजन:
भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार ने लोगों को बताया कि जिले की मेडिकल टीमों को मेडिकल व्यवस्था के साथ एईएस से लड़ने के लिए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा गाँव कस्बों में चौपाल लगाकर लोगों को जागरूक किया जाना बेहद जरूरी है। उनके अनुसार सदर अस्पताल में 10 बेड, पिकू वार्ड, अनुमंडलीय अस्पताल में 5 बेड, सदर पीएचसी में 2 बेड की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि, बच्चों को एईएस से बचाने के लिए माता-पिता को शिशु के स्वास्थ्य के लिए अलर्ट रहना चाहिए। समय-समय पर देखभाल करते रहना चाहिए। स्वस्थ्य बच्चों को मौसमी फलों, सूखे मेवों का सेवन करवाना चाहिए। साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। छोटे बच्चों को मां का दूध पिलाना बेहद आवश्यक है।
मौके पर प्रखण्ड कल्याण पदाधिकारी सदर, सुबोध कुमार, यूनिसेफ के प्रतिनिधि धर्मेंद्र कुमार, भीडीसीओ धर्मेंद्र कुमार, विकास मित्र व वार्ड पार्षदों के साथ अन्य लोग उपस्थित थे।
– बिहार से नसीम रब्बानी