बिहार/मझौलिया- स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया स्क्रीनिंग टूल एवं रेफरल कार्ड दिया गया जिसमें 6 वर्ष से 18 वर्ष के छात्र तथा छात्रा शामिल थी । विद्यालय के निदेशक गोपीनाथ ने बताया कि भारत जैसे विशाल देश में एक बड़ी आबादी के लिए स्वास्थ्य और गतिशील भविष्य तथा एक विकसित समाज का सृजन बेहद महत्वपूर्ण है जो कि समूचे विश्व के साथ तालमेल स्थापित कर सके। वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि पोषण संबंधी विभिन्न कमियों की वजह से विद्यालय जाने से पूर्व अवस्था 4 से 70% बच्चे को विभिन्न प्रकार के विकारों से ग्रस्त होते हैं। बच्चों में कुछ प्रकार के रोग बेहद आम है जैसे दांत ,ह्रदय संबंधी अथवा श्वसन संबंधी रोग यदि उनके शुरुआती पहचान कर ली जाए तो उपचार संभव है। शुरुआती जांच और उपचार से रोग को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है। इस मौके पर डॉक्टर ओम प्रकाश और उनके टीम तथा विद्यालय के शिक्षक आयुष कुमार, प्रदीप कुमार राहुल कुमार एवं शिक्षिका पूजा कुमारी ,माधुरी कुमारी, रिंकी कुमारी उपस्थित थी।