कार्यकर्ताओं की नाराजगी पड़ेगी मंत्रियों पर भारी: बाबरिया लेंगे क्लास

भोपाल /मध्यप्रदेश -15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस सरकार में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा का मामला आलाकमान तक पहुंच गया है। कांग्रेस कार्यकर्ता अब अपनी ही सरकार से नाखुश हैं। उनकी सबसे ज्यादा नाराजगी मंत्रियों से है। पिछले दिनों कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मंत्रियों से इस संबंध में बात करनी चाही थी, मगर एक भी मंत्री उनसे मिलने नहीं पहुंचा। अब वे 26 फरवरी को फिर भोपाल आएंगे और मंत्रियों की क्लास लेंगे। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि मंत्री उनकी नहीं सुन रहे हैं। वे उनके फोन नहीं उठाते। उनके पास कार्यकर्ताओं के लिए समय नहीं हैं। ये शिकायतें लगातार पार्टी में ऊपर तक पहुंच रही हैं।
तीन दिन तक भोपाल में रहकर कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से चर्चा कर और उनकी समस्याएं सुनने के बाद बाबरिया ने प्रदेश के संगठन पदाधिकारियों को जिला समन्वय समिति बनाने को कहा है। बाबरिया 26 फरवरी को फिर से भोपाल आएंगे और मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। बैठक में कार्यकर्ताओं की शिकायतों, जिला समन्वयक समितियों के गठन, मंत्रियों के यहां पदस्थ स्टाफ को बदलने, नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियों आदि विषयों पर चर्चा होगी।बाबरिया का कहना है कि पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी अपनी जगह ठीक है, लेकिन मंत्रियों की भी अपनी सीमाएं हैं। मंत्री बता चुके हैं की अपने विधानसभा क्षेत्र और प्रभार के जिले के दौरे करने के साथ ही उनके पास विभाग का प्रशासनिक कामकाज है, ऐसे में वे कई बार कार्यकर्ताओं को समय नहीं दे पाते। बैठक में मंत्रियों से चर्चा कर तय किया जाएगा की कैसे कार्यकर्ताओं और उनके बीच समन्वयक स्थापित किया जा सकता है। प्रभार के जिले के दौरे के समय वे कैसे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए समय निकालें।
पार्टी को अभी निकाय चुनाव की चिंता
दरअसल, मप्र में नगरीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। पार्टी को डर है कि यदि कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर नहीं हुई तो पार्टी निकाय चुनाव में उम्मीद के मुताबिक परफॉर्म नहीं कर पाएगी, इसलिए वह कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करने में जुट गई है। पार्टी को डर है कि इस समय कार्यकर्ता जिस तरह नाराज हैं, उससे चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता है और निकाय पर कब्जा करने की योजना पर पानी फिर सकता है।
स्टाफ नहीं बदलना चाहते मंत्री
कई मंत्रियों के स्टाफ वे कर्मचारी पदस्थ हैं, जो भाजपा शासनकाल में मंत्रियों के यहां पदस्थ थे। पार्टी की ओर से मंत्रियों के यहां ऐसे कर्मचारियों को हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं, मुख्यमंत्री कमलनाथ भी मंत्रियों को ऐसे कर्मचारियों को हटाने को कह चुके हैं, लेकिन कई मंत्री इन कर्मचारियों को हटाने के पक्ष में नहीं है। कुछ मंत्री दीपक बाबरिया से कह चुके हैं कि सरकारी कर्मचारियों को भाजपाई या कांग्रेसी नहीं कहा जा सकता। चूंकि कुछ कर्मचारी अच्छा काम करते हैं, इसलिए उन्हें स्टाफ में रखा गया है। बाबरिया का कहना है कि मंत्रियों से उनके स्टाफ के संबंध में भी चर्चा की जाएगी।

– खान आशू

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