कानपुर- कानपुर विद्या मंदिर महिला पी जी महाविद्यालय स्वरूपनगर कानपुर में भाषाविभाग उत्तरप्रदेश के नियंत्रणाधीन उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित दसदिवसीय निःशुल्क सरल संस्कृतसंभाषण शिबिर का समापन हुआ।दीपप्रज्वलन अतिथि स्वागत के पश्चात छात्रा खुशी एवं अंशिका ने संस्कृतनृत्यनाटिका गणेश वंदना ,संस्कृत गीत,संस्कृत-संभाषण एवं इस शिविर के अनुभव प्रस्तुत किये | छात्राओं ने फोन पर भी संस्कृत में बात करके बताया कि संस्कृत कठिन नहीं सरल है |मुख्य अतिथि सेवानिवृत शिक्षा विभाग डॉ सरस्वती अग्रवाल (राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित )ने कहा संस्कृतभाषा वैज्ञानिक भाषा है अतएव इसका संरक्षण आवश्यक है और इस संरक्षण में उत्तरप्रदेश की यह योजना पूर्णतः सफलीभूत दृष्टिगोचर हो रही है |
जिस संस्कृत विषय को कठिन माना जाता है वही संस्कृत इस पाठ्यक्रम के माध्यम से सरलता पूर्वक बालिकाएं सीख पा रहीं हैं |आज बच्चों को मोबाइल पर संस्कृत में बात करते हुये देखकर गर्व का अनुभव करती हूँ |जिसभाषा को ऋषिमुनियों ने संजोया है वह हमारे पास अमूल्य धरोहर की तरह है हमें इस धरोहर की रक्षा करनी चाहिये |
इस अनुपम निधि भाषा के वैज्ञानिकता का आधार हमारे महर्षि है | संस्कृतविभागाध्यक्षा डॉ मनोरमा गुप्ता ने कहा”
हमारे धर्मग्रन्थ वेद, पुराण ,उपनिषद ,गीता , महाभारत, रामायण सभी संस्कृत में हैं अतः इसे जानने के लिये संस्कृत आवश्यक है |अतः मैं उत्तरप्रदेश संस्कृत संस्थान की इस योजना की प्रशंसा करती हूँ |” डॉ निरुपमा त्रिपाठी ने कहा” संस्कृत बोलने से भाषा स्पष्ट होती है विदेशों में भी यह माना जा रहा है | लंदन के विद्यालय में संस्कत भाषाअनिवार्य रुप से पढायी जा रही है | मेरा मानना है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को इस योजना से लाभ हो सकता है ।कार्यक्रम की संचालिका व प्रशिक्षिका डॉ संध्या ठाकुर ने कहा कि” भारत की सभ्यता व संस्कृति के ज्ञान के लिये संस्कृत बहुत ही आवश्यक है |” कार्यक्रम में डॉ सरस्वती राय ,डॉ मृदुला शुक्ला,मानवी, खुशी, अंशिका ,साक्षी, आदि उपस्थित रहीं।
– प्रदीप दीक्षित कानपुर