हौसले को सलाम: खुद की परवाह किए बिना कोरोना मरीजो की सेवा में जुटी नर्स बहनें

शाहजहांपुर। लॉकडाउन मे कई लोग घर से काम कर रहे थे। यहां नौकरी करने वाले दूसरे शहरों के लोग अवकाश लेकर चले गए थे। ऐसे मे निगोही क्षेत्र के गांव अंडखेड़ा की दो सगी बहने पिंकी यादव व रेखा यादव बिना डरे पूरे मनोयोग से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रही है। हर कदम पर साथियों का भी हौसला बढ़ाती रही। वहीं ड्यूटी करते समय भगवान से लोगों के लिए मंगल कामना भी करती रही। कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान जब पूरा देश मुश्किलों से दो-चार थे, अकेला स्वास्थ्य विभाग उनकी सुध ले रहा था। डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी मरीजों के साथ-साथ उनके तीमारदारों के अलावा गरीबों, बेसहारा, मजदूरों और जरूरतमंदों का सहयोग करने में सबसे आगे थे। पिंकी व रेखा यादव शहर के राजकीय मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर में स्टाफ नर्स के पद पर तैनात है। आपको बता दे कि यह दोनो बहने शहर में अकेली रहती हैं जबकि पूरा परिवार निगोही के गांव अंडखेड़ा में रहता है। पिंकी की पांच साल पहले शादी हो चुकी है। उनकी शादी बरेली के ब्लॉक फतेहगंज पश्चिमी से हुई है।बताया कि पिछले वर्ष जब कोरोना संक्रमितो का आंकड़ा हर दिन बढ़ रहा था तो हालात ऐसे थे कि फुर्सत नहीं मिलती थी। कभी-कभी तो इस खौफनाक मंजर के दौरान घबराहट सी हो जाती थी लेकिन फिर यह सोचकर संतुष्टि कर लेती कि उनका काम ही लोगों के लिए यहां जिम्मेदारी के साथ डटे रहना है। कई बार अकेलापन महसूस होने पर वह पति, मां और पिता से बात कर लेती। बताया कि जब जब वह पति माता-पिता से बात करती तो सकारात्मकता की लहरें मन में दौड़ने लगती। उसके बाद वह अपने कार्य में लीन हो जाती। बिना अवकाश लिए दिन-रात वह कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा में लगी रहती। पिंकी यादव ने बताया कि अपने पति के घर में सबसे बड़ी है। कोरोना का खतरा हर दिन तेजी के साथ बढ़ रहा था। इस बीच लॉकडाउन हुआ तो सासु मां घर आने के लिए जिद करती थी लेकिन पति ने हर बार मनोबल बढ़ाया और ईमानदारी के साथ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने की सीख दी। ऐसे में कई बार मेरा भी छुट्टी लेकर घर जाने का मन होता और फिर पति की वो सीख की याद आ जाती। पिंकी ने बताया कि मुश्किल घड़ियों में वह अपनी बहन रेखा और अपने साथियों का हर पल सहयोग मिला। यही कारण था कि अकेले होते हुए भी कभी अकेलेपन का एहसास नहीं हुआ। कोरोना के मरीजों की देखरेख, उनको दवा देना इनकी ड्यूटी है। स्टाफ नर्स रेखा बताती है कि कोरोना संक्रमितों के उपचार के दौरान बीती 01 मई को खुद भी कोरोना पॉजिटिव हो गई थी। उसके बावजूद उनका हौंसला बना रहा। उन्होंने घर पर रहकर सकारात्मक माहौल में कोरोना संक्रमण से लड़ रही है तथा 20 मई को दोबारा से सेंपलिंग दी है। कोरोना मरीजों के इलाज में स्टाफ नर्स की अहम भूमिका रही है। कई मरीज कोरोना के अतिरिक्त अन्य बीमारियों से भी ग्रसित थे, उन्होंने दवा समय पर ली या नहीं इसका ख्याल रखा। उनका हौसला भी बढ़ाया। ईमानदारी के साथ ड्यूटी निभाई।।

शाहजहांपुर ब्यूरो- कपिल यादव

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