होलिका दहन और पूजन का शुभ मुहूर्त किस समय होलिका की पूजा शुभ

बरेली। होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा की शुभ बेला में करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। ऐसी भी मान्यता है कि होलिका की अग्नि उसी व्यक्ति को जलानी चाहिए जो पुरोहित हो अथवा जिनके माता-पिता अब इस दुनिया से विदा हो चुके हो। वैसे इसमे क्षेत्रीय परंपराओं का अपना अलग-अलग मत और महत्व होता है। इस वर्ष 2021 में फाल्गुन पूर्णिमा 28 मार्च को होने की वजह से होलिका दहन भी इस दिन किया जाएगा और इसी दिन होली जलने के साथ होलाष्टक समाप्त हो जाएगा। होलिका दहन के दिन सुख समृद्धि और पारिवारिक उन्नति के लिए श्रद्धालु होलिका की पूजा करते हैं। कहते है कि होलिका मन की बुरी नहीं थी लेकिन अपने भाई हिरण्यकश्यप के प्रभाव की वजह से प्रहलाद को चिता पर लेकर बैठ गई थी। ताकि प्रहलाद अग्नि में जल कर परलोक चला जाए लेकिन दैवयोग से होलिका स्वयं जल कर मृत्यु को प्राप्त हो गई। लेकिन ब्रह्माजी की कृपा से होलिका को भी पूजनीय स्थान प्राप्त हो गया और होलिका दहन के लिए एकत्रित की गई लकडिय़ों के बीच होलिका, भगवान विष्णु और अग्नि देव की पूजा की जाती है। होली के अवसर पर 28 मार्च को सुबह नौ बजकर 20 मिनट से दस बजकर 53 मिनट तक लाभ चौघडिया रहेगा। अमृत काल इसके बाद 12 बजकर 26 मिनट तक होगा। इसके बाद दोपहर बाद भद्रा समाप्त होने के बाद एक बजकर 58 मिनट से तीन बजकर 31 मिनट तक शुभ चौघडिय़ा में होलिका पूजन करना शुभ रहेगा। इस बार प्रदोष काल में भद्रा का साया नहीं होना बहुत दुर्लभ और शुभ संयोग है। ऐसे में शाम छह बजकर 36 मिनट से आठ बजकर 30 मिनट तक शुभ योग और आठ बजकर तीन मिनट से रात नौ बजकर 30 मिनट तक अमृत काल का शुभ संयोग रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत उचित रहेगा। 28 मार्च होलिका दहन के दिन सुबह तीन बजकर 27 मिनट से पूर्णिमा तिथि लग रही है। जो 28 तारीख को रात 12 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। इस बार होली पर पूर्णिमा के साथ ही भद्रा का प्रवेश हो जाएगा लेकिन दिन में एक बजकर 53 मिनट पर भद्रा का साया हट जाएगा और प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाना शास्त्र सम्मत होगा। होली के दिन होलिका की पूजा के लिए कई स्थानों में महिलाओं गाय के गोबर से छोटे-छोटे उपले बनाती है। जिनमें बीच का स्थान खाली होता है। इसे बरकली कहा जाता है। बरकली की सात मालाएं बनाकर होलिका की पूजा के समय होलिका को बरकली की माला पहनाई जाती है। कहते हैं कि इससे घर में बरकत आती है।।

बरेली से कपिल यादव

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